टिहरी जिले के धनोल्टी विधानसभा क्षेत्र के पट्टी नगुण के गांव गैर की इस खबर को पढ़कर आप भी पलायन की हाई को नजदीक से समझ सकोगे। यह गांव की पलायन की मार झेल रहा है कि यह आज सिर्फ एक सुनसान समसान घाट में तक्दील हो गया है।
इसी गाँव में पिछली 3 अक्टूबर को अतर सिंह नाम के व्यक्ति की मौत हो गयी थी। क्योंकि गांव में कोई लोग कन्धा देने वाला नहीं है और अतर सिंह की मौत पर कोई कानूनी बात सामने ना आ जाए पड़ोस वाले ग्रामीणों ने भी इस मामले में अपने आप को पीछे कर लिया।
अगर बेटा और पत्नी घर होते तो अतर सिंह का अंतिम संस्कार किया जा चूका होता। लेकिन दोनो देहरादून की जेल में अपने किए की सजा भुगत रहे हैं। अतर की बीवी इंद्रा देवी और उसका बेटा सते सिंह कत्ल की सजा भुगत रहे हैं।
अपनी पत्नी को जान से मारने के गुनाह में बेटे सते सिंह और उसकी मां इंद्रा देवी को साल 2008 में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। दोनों देहरादून की सुद्धोवाला जेल में बंद हैं।
हालाँकि इंद्रा देवी के लिए पैरोल पर रिहा होने के आदेश हो गए हैं ताकि वो अपने पति के अंतिम दर्शन कर अंतिम संस्कार कर सके। 65 साल के अतर सिंह का मुर्दा जिस्म सड़ने की कगार पर पहुंच रहा है। आस पास के सटे गाँव वाले भी दुविधा में हैं और लाश की बदबू से आस-पास के ग्रामीण इलाकों में जीना दूभर हो गया है।
लोगों ने इस मामले में जल्दी कार्यवाही करने की मांग की है पिछले दो दिनों ने उनके शव को उनके सुने पड़े घर के बरामदे में रखा गया है ')}