टिहरी बांध से प्रभावित 415 परिवारों के लिए खुशखबरी है काफी समय से इस मामले में ग्रामीणों की मांग थी और वो आन्दोलन कर रहे थे। अब टिहरी के बांध प्रभावित 415 परिवारों का सपना पूरा होने वाला है। सरकार विस्थापन के लिए उन्हें 104.51 हेक्टेयर भूमि उपलब्ध कराएगी।
बता दें कि इसके लिए हरिद्वार और राजधानी देहरा दून में वन भूमि हस्तांतरण संबंधी प्रस्ताव को केंद्र सरकार ने सैद्धान्तिक स्वीकृति दे दी है। विधायक धन सिंह नेगी ने पत्रकार वार्ता में इस बात का खुलासा किया उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने बांध प्रभावितों की समस्याओं के समाधान के लिए कोई खास प्रयास नहीं किए।
जिसकी वजह से ग्रामीण आंदोलन करने के लिए मजबूर होना पढ़ा लेकिन केंद्र और राज्य की भाजपा सरकार टिहरी बांध प्रभावितों की समस्याओं के निराकरण के लिए प्रयासरत है।
इसी क्रम में राज्य सरकार के प्रस्ताव पर केंद्र ने बांध प्रभावित 415 परिवारों के विस्थापन के लिए 104.51 हेक्टेयर वन भूमि हस्तानांतरण को अपनी सैद्धान्तिक और प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की है।
धन सिंह नेगी ने बताया कि इसके अंर्तगत प्रभावित परिवारों को मंसा देवी, दुधुपानी में 65.31 और भानियावाला में 39.21 हेक्टेयर भूमि उपलब्ध करायी जायेगी। इसके अतिरिक्त बहुत जल्द चंबा में मिनी स्टेडियम, जिला अस्पताल बौराड़ी में पार्किंग का निर्माण कराया जाएगा।
उन्होंने इस मामले में टीएचडीसी को कहा कि उन्हें ग्रामीणों के लिए काम करना चाहिए था लेकिन जो हुआ सो हुआ अब इन लोगों की तत्कालीन समस्या को बीजेपी सरकार ने जड़ से ख़त्म कर दिया है। यह एक अच्छी पहल है जिसका ग्रामीणों ने स्वागत किया है।
कंगसाली, रौलाकोट, गडोली, चांठी, मोटणा, चौंधार, भैंगा, जणगी आदि गांव खतरे की जद में माने जाते हैं इन इलाकों के ग्रामीण टिहरी झील के जलस्तर बढ़ने पर हमेशा दहशत में रहते हैं। विस्थापन की मांग को लेकर ग्रामीण अनसन्न से लेकर कई तरह से आन्दोलन कर चुके हैं। ')}