गाजियाबाद : पौड़ी गढ़वाल के द्वारीखाल के हिलोगी गांव की अर्चना बिष्ट का चयन इसरो में हो गया है। गाजियाबाद के प्रताप विहार में रहने वाली अर्चना बिष्ट ने गाजियाबाद ही नहीं बल्कि समूचे उत्तराखंड का नाम रोशन किया है। अर्चना ने लॉकडाउन में खाली समय में पढ़ाई करते हुए यह कामयाबी हासिल की। अर्चना ने कोरोना के कारण लगे लॉकडाउन में दो साल के अंदर इतनी मेहनत की, जिसका परिणाम अब इसरो में चयन के साथ मिला है।
अर्चना बिष्ट मूलरूप से पौड़ी गढ़वाल के द्वारीखाल में स्थित हिलोगी गांव की रहने वाली हैं और अभी वह गाजियाबाद के प्रताप विहार में रहती हैं अर्चना के इसरो में चयन होने पर उनके स्कूल में सम्मान समारोह का आयोजन किया गया, अर्चना के पिता विनोद बिष्ट प्राइवेट जॉब करते हैं, जबकि माता बीना बिष्ट गृहणी हैं। अर्चना बिष्ट ने बताया कि उन्होंने प्रताप विहार स्थित ब्लूम इंटरनेशनल स्कूल से 12 वीं में टॉप किया। उसके बाद 2016 में दिल्ली यूनिवर्सिटी से बैचलर ऑफ मैथमेटिक्स ऑनर कंप्लीट किया।
अर्चना ने बताया कि उन्होंने बीएचयू से 2018 में मास्टर की डिग्री हासिल की। फिर सीएसआईआर की परीक्षा भी उन्होंने पास की, जिसके बाद उनका चयन आईआईटी रुड़की में पीएचडी के लिए हो गया। अर्चना बिष्ट ने बताया कि लॉकडाउन के दो साल जो गेप हुआ। उन्होंने उस दौरान पढ़ाई में बहुत मेहनत की। जिसका परिणाम यह निकला कि इसरो का एग्जाम उनके लिए मुश्किल नहीं रहा। उन्होंने एग्जाम क्लियर कर लिया और उनका सिलेक्शन इसरो में हो गया। उत्तराखंड की बेटी के इसरो में सिलेक्शन होने पर लोग उन्हें बधाई दे रहे हैं। उनके मूल गांव हिलोगी में भी ख़ुशी का माहौल है।