चमोली में चीनी सैनिकों की घुसपेट के बाद उत्तराखंड में सेना सक्रीय हो गयी है। यह मौका 1962 के बाद अब देखने को मिल रहा है फिलहाल पुराने बंकर्स की मरमत की जा रही है और नए बंकरो का निर्माण कार्य भी शुरू कर दिया गया है। सेना के मुताबित उत्तराखंड के बॉर्डर पर भी हाई अलर्ट किया गया है और सुरक्षा के लिए सभी इंतजाम किए जा रहे हैं।
उत्तराखंड में भारत चीन की 345 किलोमीटर लम्बी बॉर्डर है। जिसमे अकेले उत्तरकाशी से 122 किलोमीटर लम्बा बॉर्डर है इस इलाके में दो गांव थे जादूंग व नेलांग जिन्हें युद्ध के दौरान 1962 में विस्थापित कर दिया गया था। जहाँ सेना ने युद्ध के लिए बंकर बना दिए थे। लेकिन उसके बाद सी हालात सामान्य ही रहे और बंकर पूरी तरह नष्ट हो चुके।
अब सेना उनकी मरमत और नए बंकर का निर्माण करवा रही है। दोकलाम विवाद के बाद अब चीन हर जगह अपनी टांग अड़ा रहा है चमोली जिले के बाड़ाहोती में चीनी सैनिकों की घुसपेठ के बाद सीमा पर उत्तराखंड में सेना की मौजूदगी जरूरी हो गयी है। सुरक्षा के लिहाज से सेना पूरी तैयारी कर रही है।
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