उत्तरकाशी: लोकसभा चुनाव 2024 के पहले चरण की वोटिंग हो चुकी है। पहले चरण में उत्तराखंड की सभी पांच सीटों पर मतदान हुआ। हालांकि, प्रदेश में कुछ जगहों पर चुनाव के बहिष्कार का असर देखने को मिला। सड़क डामरीकरण और राजस्व ग्राम की मांग को लेकर मुखर उत्तरकाशी नौगांव ब्लॉक के ग्राम पंचायत खान्सी दोणी और बलाडी गांव के लोगों ने लोकसभा चुनाव 2024 का पूर्ण रूप से बहिष्कार किया। मतदान दिवस पर ड्यूटी पर तैनात कर्मचारियों के अलावा किसी भी ग्रामीण द्वारा वोट नहीं डाला गया। इस दौरान पोलिंग बूथ पर सन्नाटा पसरा रहा।
सड़क डामरीकरण को लेकर चुनाव बहिष्कार-
खान्सी, बलाड़ी के ग्रामीणों ने सरकार पर मांगों की अनदेखी का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि सरकार उनकी मांगों को पूरा नहीं कर पाई है। यही वजह है कि उन्होंने मतदान का बहिष्कार किया। ग्रामीणों ने बताया कि विगत 15 वर्षों से जट्टा-पलेठा-खान्सी मोटर मार्ग का डामरीकरण स्वीकृति नहीं मिल पाई है जबकि ग्रामीण लगातार मांग उठाते रहे हैं, चुनाव बहिष्कार को लेकर भी चेतावनी दी गई थी, मुख्यमंत्री धामी को भी ज्ञापन भेजा गया था लेकिन उसके बाद भी इस सम्बन्ध में कोई कार्यवाही नहीं हुई जिसके बाद दोनों गांवों के निवासियों ने शुक्रवार को लोकसभा चुनाव का बहिष्कार कर दिया। इन गांवों के लोगों ने कहा कि ग्रामीणों के चुनाव बहिष्कार की जानकारी मिलने के बाद राजस्व अधिकारियों ने उनसे बातचीत भी की विधायक द्वारा भी भरोसा दिलाया गया लेकिन ग्रामीणों से बातचीत विफल रही।
राजस्व गांव की मांग को लेकर चुनाव बहिष्कार-
ग्राम पंचायत खांसी के अंतर्गत एक छोटा सा कस्बा दोणी गांव विगत कही वर्षो से राजस्व ग्राम की मांग कर रहा है जोकि सरकार द्वारा संचालित की गई विभिन्न योजनाओं से आज भी वंचित है गांव में पीने के पानी, सड़क और परिवहन जैसी बुनियादी सुविधाओं का अभाव है। मतदान देने के लिए भी 09 किलोमीटर पैदल जाना पड़ता है लेकिन सरकारी अधिकारियों को ग्रामीणों की यह समस्या नहीं दिखती, स्थानीय नेता भी इस और ध्यान नहीं दे रहे हैं इसलिए ग्रामीणों ने चुनाव का पूर्ण बहिष्कार किया।
मोरी विकासखंड के गांवों में भी चुनाव बहिष्कार-
मोरी विकासखंड के कुछ गांवों में भी चुनाव बहिष्कार की खबरें मिली हैं। पोखरी, लिवाड़ी, राला, देवती और कासला के ग्रामीणों ने वोट नहीं डाला सड़क नहीं तो वोट नहीं की नीति पर ग्रामीणों ने अपनी मांगों को सरकार के सामने दोहराया और फिर चुनाव बहिष्कार भी किया।