उत्तरकाशी: उत्तराखंड में ग्रामीण सड़कों का क्या हाल है गढ़ अम्बेडकर मार्ग का चित्र देखकर आप समझ सकते हैं। जब ग्रामीण शिकायत लेकर अधिकारियों के पास पहुंचते हैं तो सिर्फ आश्वाशन दिया जाता है लेकिन काम नहीं होता और ऐसे ही निकल गए 21 साल। ग्रामीण जाये तो कहां? कौन है जो उनकी सुनेगा? देहरादून में बैठे नेता क्या सुन सकते हैं? क्या त्रिवेंद्र जी की ट्रिपल इंजन की सरकार कर पाएगी इस गाँव की समस्या का समाधान?
उत्तरकाशी जिले के विकासखंड नौगांव के अंतर्गत गढ़ अम्बेडकर हल्का वाहन मार्ग लम्बाई 5.025 किलोमीटर है, यह कच्चा मार्ग मायावती सरकार के समय बनाया गया था, फिर उत्तराखंड राज्य बना, 8 मुख्यमंत्री बदल गए लेकिन यह सड़क नहीं बदली है खस्ता हाल देख लीजिये बरसात के समय में इसपर पैदल भी नहीं चला जा सकता।
मुख्यमंत्री की घोषणा स0 629/2015 में गढ़ अम्बेडकर रोड़ को हल्का वाहन मार्ग का मोटर मार्ग में परिवर्तन एवं पक्कीकरण को कहा गया लेकिन अभी तक परिवर्तन नही किया गया है। ग्रामीणों ने बताया कि हर वर्ष गढ़ अम्बेडकर हल्का वाहन मार्ग की (डी पी आर) लोक निर्माण विभाग बड़कोट द्वारा शासन को भेज दिया जाता है लेकिन शासन अस्तर में कोई कार्यवाही नही की जाती है।
समाज सेवी सोवत राणा ने इस सम्बंध में सभी उच्चाधिकारियों से मुलाकात कर जनता को हो रही परेशानियों से अवगत कराया पर विभाग के आला अधिकारियों से सिर्फ आश्वाशन मिलता है एक्शन नही होता है। इस मामले में सोवत सिंह राणा ने बताया कि विगत 24-25 वर्षों से जनता परेशान है पर अधिकारी व नेता मस्त होकर अपनी जिंदगी जी रहे हैं, यहां तक कि मुख्यमंत्री कि घोषणा की भी प्रवाह नही करते हैं। जनता संघर्ष करते करते थक चुकी है पर अधिकारी जनता की सुनने को तैयार नही है। सोशल मीडिया पर भी बात रखने का कोई असर नहीं, अब बताइये पलायन नहीं होगा तो क्या होगा?
')}