उप थलसेना अध्यक्ष एवं गढ़वाल रायफल्स के कर्नल ऑफ़ रेजिमेंट जनरल शरत चंद ने जानकारी दी कि जल्द ही गढ़वाल रायफल्स की 22 वीं बटालियन अस्थित्वा मैं आएगी जिस से गढ़वाल के नोजवानों को सेना मैं भर्ती होने के जादा अवसर मिलेंगे।
उन्होंने सेना को किसी भी तरह की अपवाहों पर ध्यान ना देने की नसीयत दी। उन्होंने कहा की पकिस्तान जेसे देश इस तरह की अपवाह फैला रहे हैं। जो सेना के मनोबल को ठेस पहुंचाते हैं उन्होंने कहा की देहरादून मैं सेना के लिए सरकार आवास और होस्टल बनाये जायेगे। जिस से सेना से जुड़े जवानों के बच्चों को फायदा होगा वो शनिवार को एक सभा को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने सेना को उचित सुविधाएं देने का भरोसा दिलाया।
गढ़वाल राइफल की स्थापना 1887 में सबसे पहले अल्मोड़ा में हुई जो कि इसी साल लेंसडॉन पहुची थी। गढ़वाल रेजिमेंट ने 125 गौरवमयी सालों में देश विदेश में जो नाम रोशन किया है वो अभूतपूर्व है। देवभूमि में साथ साथ उत्तराखंड को वीरभूमि होने का गौरव हासिल है। गढ़वाल राइफल में एक और बटालियन जुड़ने के बाद यह न केवल एक बड़ी रायफल के रूप में सामने आएगी बल्कि सेना से जुड़ने के इच्छुक युवाओं के लिए बड़ी खुसखबरी है।
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