जम्मू-कश्मीर के राजौरी सेक्टर में आतंकी मुठभेड़ में चमोली जिले के लाल लांस नायक रुचिन सिंह रावत शहीद हो गए। गैरसैंण ब्लॉक के कुनीगाड़ गांव के रहने वाले शहीद रुचिन सिंह अपने पीछे बुजुर्ग माता-पिता और दादा दादी व 4 वर्षीय बच्चे और पत्नी को छोड़ गए। शहीद रुचिन सिंह रावत को राजकीय सम्मान के साथ श्रद्धांजलि दी गई। बता दें कि जम्मू कश्मीर के राजौरी सेक्टर के घने जंगलों में सर्च ऑपरेशन के दौरान धमाका हुआ था। इस आईईडी धमाके में चार अन्य जवान सहित उत्तराखंड का लाल रुचिन रावत शहीद हो गए थे।
शहीद 9 पैरा कमांडो में सेवारत थे। शुक्रवार को कुनीगाड़ के रुचिन रावत की शहीद होने की खबर जैसे ही क्षेत्र को मिली पूरे क्षेत्र में शोक की लहर छा गई है शहीद सचिन रावत के चाचा सुरेंद्र रावत ने बताया कि 2009-10 मैं रुचिन फौज में भर्ती हो गए थे वह स्वभाव के हंसमुख थे छुट्टी के दौरान वह सामाजिक कार्यों में बढ़-चढ़कर भाग लेते थे।
शुक्रवार को राजौरी जिले में सुबह के समय सेना के उत्तरी कमान के सैनिक विगत माह जम्मू के भाटा धुरियां क्षेत्र में सेना के ट्रक पर घात लगा कर हमला करने वाले आतंकवादियों को ढूंढ रहे थे। राजौरी सेक्टर के कांडी वन क्षेत्र में आतंकवादियों के होने की सूचना मिली थी। एक गुफा में आतंकवादियों को सेना ने घेर तो आतंकवादियों ने विस्फोट कर दिया जिसमें दो जवान शहीद हो गये और तीन अन्य घायल हो गये। तीनों घायल जवानों ने अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। इनमें चमोली जिले के रूचिन रावत भी शहीन हो गये। रूचिन रावत भारतीय सेना के 9 पैरा कमांडो में तैनात थे और इस समय उनकी पोस्टिंग ऊधमपुर यूनिट में थी।