मध्महेश्वर 180 किलोमीटर लम्बे ट्रैक पर निकले एनजीसी, इंडियन ऑयल के चार ट्रैकर और पांच पोर्टर पिछले पांच दिन से बदरीनाथ-केदारनाथ ट्रैक के तीसरे पड़ाव पनपतियां में फंसे हैं। वायु सेना की टीम उन्हें तलाश रही है। गुरूवार को पनपतिया के बर्फीले मैदान में रंग-बिरंगी कपड़ों से बना एक क्रॉस, तिरंगा, कुछ पॉलीथिन की सीट और बर्तन नजर आए।
सायद ये सभी लोग वहां पर हैं। जगह न होने के कारण हेलीकाप्टर नहीं उत्तर पाया साथ ही दूसरी जगह तलाश करने के लिए मौसम भी साफ़ नहीं था। जिसके वजह से सेना के हेलिकोप्टर को वापिस लौटना पढ़ा। उस जगह पर खाने के पेकेट गिराए गए हैं।
ऊखीमठ से पैदल रवाना हुई 10 सदस्यीय पुलिस, आपदा और एसडीआरएफ की टीम रास्ते में ही रुकी है मौसम खराब होने और बर्फ पढ जाने की वजह से वो आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं रेश्क्यु ऑपरेशन युद्ध स्तर पर चलाया जा रहा है उम्मीद है साम तक सभी को सुरक्षित मध्महेश्वर लाया जा साकेगा।
जबकि इनके साथ के 5 लोग सकुशल मद्महेश्वर पहुंच चुके हैं वे मद्महेश्वर में ही सुरक्षित हैं। उनके साथ भी साथ भी लगातार संपर्क बना हुआ है उन्हें फिलहाल आराम करने की सलाह दी गयी है। जैसे उनके अन्य साथियों का रेश्क्यु किया जाएगा, उन्हें एक साथ वापिस भेज दिया जाएगा।
हालाँकि बिना अनुमति के इस ट्रैक पर इनको नहीं जाना चाहिए था क्योंकि यहां पर ट्रेकिंग करना इतना आसान नहीं है ऊंचाई पर ऑक्सीजन की कम मात्रा और नमी की वजह से सांस लेना मुश्किल होता है। इसके अलावा रास्ते में आजकल नयी बर्फ पढ़ने से रास्ता और भी खतरनाक हो जाता है। ')}