पिछले दो साल में उत्तराखंड क्रिकेट के हक में कई बड़े फैसले हुए उत्तराखंड की क्रिकेट से प्रदेश की कई प्रतिभाओं का प्रोत्साहन मिल रहा है, कई युवाओं में क्रिकेट से भविष्य की उम्मीद भी जगी है। दरअसल, उत्तराखंड क्रिकेट को बीसीसीआई की मान्यता दिलाने के पीछे क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड के सचिव महिम वर्मा का बड़ा हाथ रहा है।
पहले उत्तराखंड को मान्यता दिलाई और फिर देहरादून में पहली बार विजय हजारे ट्रॉफी समेत कई क्रिकेट टूर्नामेंट का सफल आयोजन कराया है। मेहनत एवं समर्पण भाव से महिम ने अपनी क्षमताओं से सभी को प्रभावित भी किया है। यही वजह है कि बीसीसीआई ने महिमा वर्मा में उपाध्यक्ष पद की बड़ी जिम्मेदारी दी है। बीसीसीआई में बड़ी जिम्मेदारी संभालने वाले महिम वर्मा उत्तराखंड के पहले व्यक्ति बन गए हैं।
उपाध्यक्ष पद मिलने के पीछे माहिम वर्मा के पारिवारिक भूमिका भी वजह रही है उनके पिता पीसी वर्मा उत्तराखंड में क्रिकेट के भविष्य को लेकर हमेशा कार्य करते रहे, उनकी ओर से गोल्ड कप के रूप में सबसे बड़ा एवं सफल क्रिकेट टूर्नामेंट का पिछले 37 वर्षों से आयोजन होता आया है।
महिम के पिता पीसी वर्मा सीडीए एयरफोर्स में कार्यरत रहे। वे सेवा के दौरान भी क्रिकेट से जुड़े रहे। पिता के बाद बेटे ने उनकी जिम्मेदारी को बखूबी निभाया और आज उन्हें उसका फल भी मिला है। अब वे बीसीसीआई में उपाध्यक्ष पद की बड़ी जिम्मेदारी मिलने के बाद नए अध्यक्ष बने सौरभ गांगुली के साथ पारी की शुरुआत करेंगे। उम्मीद है अब आगे भी उत्तराखंड के हक में फैसले होते रहेंगे।
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