चुनाव नतीजों के पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बहस छेड़ दी थी कि चुनाव खत्म हो जायेंगे तो पेट्रोल और डीजल के दाम आसमान छू जायेंगे। जब यूपी में आखिरी चरण के चुनाव चल रहे थे तो सोशल मीडिया पर यह बात फैलाई जा रही थी कि चुनाव खत्म होते ही पेट्रोल और डीजल के दाम 10 से 15 रूपये तक बढ़ जायेंगे।
उस समय कांग्रेस और अन्य पार्टियों ने इसे चुनावी मुद्दा बनाने की पूरी कोशिश की और बताया कि हाल बेहाल होने वाला है महगाईं सबको खा जाएगी लेकिन फिलहाल बाजार की परिस्थितियां अब बदल रही हैं और उनकी आशकाएं धूमिल होती दिख रही हैं तो उनसे यह इंताजर भी खाये जा रहा होगा कि आखिर पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ क्यों नहीं रहे मोदी को कोसने का मौका नहीं मिल रहा लेकिन मोदी भी दाम नहीं बढ़वा रहे बल्कि और इन्तजार करवा रहे हैं। दरअसल, रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध के कारण अंतरराष्ट्रीय मार्केट में कच्चे तेल का दाम तेजी से बढ़ते हुए 7 मार्च को 139.13 डॉलर पर पहुंच गया। लेकिन इसके बाद गिरते हुए 13 मार्च को रेट 111 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया।
जानकार बताते हैं कि रेट में गिरावट का क्रम अभी चलता रहेगा। हो सकता है कि यह दाम वापस 100 डोलर के नीचे भी जा सकते हैं। इसे देखते हुए फिलहाल सरकार बाजार पर नजर रखेगी अगर बाजार में दाम बढ़ता है तो ही दामों में बढ़ोतरी होगी, दाम अगर घटकर 100 के नीचे आते हैं तो फिर सरकार 2-3 रूपये तक राहत भी दे सकती है। हालांकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के मूल्य में उतार-चढ़ाव के बीच पड़ोसी देश श्रीलंका में पेट्रोल और डीजल के दाम में भारी वृद्धि हुई है। वहीं भारत में चुनावी नतीजों के बाद आज भी पेट्रोल उत्पादों के मूल्य में कोई परिवर्तन नहीं किया गया।
बता दें कि तेल कंपनियों ने नवंबर से पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कोई परिवर्तन नहीं किया है। लेकिन तब से अब तक कच्चा तेल में डालर प्रति बैरल से अधिक की वृद्धि हो चुकी है। इधर उत्तर प्रदेश सहित देश के पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के परिणाम की घोषणा भी हो गई है। ऐसे में आने वाले कुछ दिनों में पेट्रो उत्पादों की कीमतों में बढ़ोतरी हो सकता है।
हालांकि सरकारी तेल कंपनियां इनके दाम एक साथ बढ़ाने के स्थान पर प्रतिदिन थोड़ा-थोड़ा कर बढ़ोतरी करने पर विचार कर रही हैं। जानकर बताते हैं कि इससे आम लोगों पर एक साथ बढ़ी हुई कीमतों का बोझ नहीं पड़ेगा। एक दूसरा कारण भी इसके पीछे बताया जा रहा है जो कि सभी लोगों को जानना जरूरी है जो पेट्रोल डीजल के दाम बढ़ने से पहले ही घबरा रहे है कोरोना के कारण सरकार को 2020-21 में टैक्स कम मिला, लेकिन 2021 के आखिरी छह महीनों में औसतन 1.20 लाख करोड़ रुपए GST के रूप में प्राप्त हुए। इसका सीधा सा मतलब है कि अर्थव्यवस्था पटरी पर लौट रही है। सरकार की कुल कमाई बजट अनुमान से 30% से अधिक होने के आसार दिख रहे हैं।
ऐसे में सरकार पेट्रोल पर अतिरिक्त कमाई के लिए बढ़ोतरी बिलकुल भी नहीं करेगी। हालांकि आपको केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी के 8 मार्च के बयान को ध्यान में रखना होगा उन्होंने कहा था कि “यह कहना कि चुनाव के कारण हमने पेट्रोल की कीमत नहीं बढ़ाई गलत होगा। तेल की कीमत कंपनियां तय करती हैं, क्योंकि उन्हें बाजार में बने रहना है।