कड़ी मेहनत और बुलंद हौसले के आगे हर चुनौती छोटी पड़ जाती है। यही कर दिखाया उत्तराखंड देहरादून की रहने वाली क्रिकेटर स्नेह राणा ने। स्नेह राणा ने फरवरी 2016 में भारतीय टीम के लिए अपना अंतिम मैच खेला था, इसके बाद चोट के कारण भारतीय टीम से बाहर होना पड़ा, लेकिन चोट से उभरने के बाद टीम इंडिया में वापसी करना आसान नहीं था, कई चुनौतियां सामने थी, लेकिन जिस तरह स्नेह राणा ने वापसी की और भारतीय टीम में जगह बनाई वो अन्य क्रिकेटर्स के लिए एक मिसाल है।
भारत और इंग्लैंड के बीच ब्रिस्टल में खेले जा रहे एकमात्र टेस्ट मैच के पहले दिन इंग्लैंड ने 06 विकेट खोकर 269 रन बनाये हैं, भारत की और से स्नेह राणा ने तीन विकेट लिए, स्नेह राणा ने डेब्यू मैच में शानदार गेंदबाजी (77 रन देकर 3 विकेट) के प्रदर्शन को अपने पिता को समर्पित किया।
उन्होंने कहा कि “मेरे पिता का दो महीने पहले निधन हो गया। मेरे लिए टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण करना एक भावनात्मक क्षण था। मैंने अब तक जो कुछ भी किया है और आगे जो भी करुँगी सब मेरे पिता को समर्पित होगा।” पहली पारी में तीन विकेट लेने के अनुभव के बाद उन्होंने कहा “मैंने सिर्फ अपनी ताकत पर ध्यान दिया और यह काम कर गया। पिच जल्दी धीमी हो गई थी इससे स्पिनरों को मदद मिली।”
देहरादून के सिनौला गांव की स्नेह राणा एक साधारण परिवार में पली-बढ़ी हैं उनके क्रिकेट खेलने के सपने को पूरा करने के लिए माता-पिता ने पूरा सहयोग दिया। स्नेह की माता गृहिणी हैं, जबकि पिता भगवान सिंह राणा अब इस दुनिया में नहीं है। वे अपनी बेटी को वापस भारतीय टीम की जर्सी में देखना चाहते थे, लेकिन ईश्वर को यह मंजूर नहीं था।
पिता के गुजरने के बाद भी बेटी ने इंग्लैंड दौरे पर जाने का फैसला लिया और पिता के उस सपने को पूरा करने के लिए जी तोड़ मेहनत में जुटी रही, अब उनकी मेहनत का फल भी दिख रहा है, बता दें कि स्नेह राणा पहले भी भारतीय टीम के लिए एक दिवसीय और टी-20 खेल चुकी हैं। सीनियर वन डे ट्रॉफी 2020-21 में 12.66 की औसत से 18 विकेट लेकर विकेट चार्ट में शीर्ष पर रही, जिसके परिणामस्वरूप अंततः भारतीय टीम में उनकी वापसी हुई।
All-rounder Sneh Rana dedicates her #TeamIndia comeback to her late father. #ENGvIND pic.twitter.com/PHl4XHkjZT
— BCCI Women (@BCCIWomen) June 16, 2021