पहाड़ की संस्कृति और यहां के खान-पान की बात ही अलग है। पहाड़ों पर होने वाले फल सब्जियाँ पौष्टिक तत्वों से भरपूर होते हैं। आज हम पहाड़ के एक ऐसे फल की बात करने जा रहे हैं जो औषधीय गुणों से भरपूर है और इसे पृथ्वीै का सबसे सेहतमंद फल माना जाता है। जी हाँ हम बात कर रहे हैं पहाड़ के उस फल की जिसे पहाड़ी लोग माल्टा के नाम से जानते हैं रंग रूप में यह संतरा जैसा लगता है लेकिन गुण और टेस्ट के मामले में यह फल संतरे से भी कहीं आगे है और यह बात हम नहीं कह रहे हैं दरअसल, इस फल पर हुए औषधीय सर्वे में इस बात की पुष्ट हो चुकी है।
उत्तराखंड और अन्य पहाड़ी राज्यों में बहुत अधिक मात्रा में पाया जाने वाला माल्टा सिर्टस प्रजाति का फल है जिसका वैज्ञानिक नाम सिट्रस सिनानसिस है। रुटेसीस परिवार से संबंधित इस फल का उद्भव एशिया महाद्वीप से हुआ है। सामान्यतः यह फल समुद्र तल से लगभग 1200 से 3000 मी0 की ऊॅचाई तक उगाया जाता है। सर्दियों के मौसम में उत्तराखण्ड के मध्य ऊचाई तथा अधिक ऊचाई वाले स्थान प्रायः काफी ठण्डे होते हैं। जनवरी के महीने में हिमालय क्षेत्र के निचले इलाकों जिसमें राज्य की भौगोलिक क्षेत्र के लगभग 51 प्रतिशत शामिल है, में उगता है। उत्तराखण्ड में माल्टा मुख्यतः सीमावर्ती जिलों चमोली, पिथौरागढ, रूद्रप्रयाग, बागेश्वर, चम्पावत तथा उत्तरकाशी में बहुतायत उत्पादित किया जाता है। उत्तराखण्ड उद्यान विभाग के एक रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में लगभग 321477 पेड है, जिसमें लगभग 16224.86 मैट्रिक टन उत्पादन किया जाता है।
माल्टा खाने के लाभ और उपयोग-
- माल्टा शरीर की रोग प्रतिरोधात्मक शक्ति को बढाने के साथ-साथ विटामिन-सी से भरपूर होता है। यह फल निमूनिया, ब्लडप्रेशर तथा आंत संबंधी समस्याओं के लिए भी रामबाण है।
- माल्टे का जूस पौष्टिक तथा औषधीय रूप से महत्वपूर्ण होने के साथ-साथ चयपचय दर तथा कैलोरी जलाने की क्षमता भी बढाता है।
- माल्टा औषधीय रूप से अत्यंत महत्वपूर्ण फल है इसमें एंटीसेप्टिक, एण्टी आक्सीडेट गुणों के साथ.साथ गुर्दे की पथरी, उच्च केलोस्ट्राल, उच्च रक्तचाप, प्रोस्टेट कैसर तथा ह्दय रोगों में भी लाभदायक पाया जाता है।
- माल्टा का छिलका सौन्दर्य प्रसाधन में उपयोग के अलावा भूख बढाने, अपच तथा स्तन कैंसर के घाव को कम करने के लिए भी उपयोग किया जाता है।
- माल्टा के फल, छिलके, रस और बीज से कई तरह की दवाएं बनाई जाती हैं। इसके छिलके का इस्तेमाल भूख बढ़ाने की दवा के लिए किया जा रहा है। इसके अलावा कफ को कम करने, अपच, खांसी.जुखाम और स्तन कैंसर के घाव को कम करने के लिए भी माल्टे के छिलके बेहतरीन होते हैं।
- इसके साथ ही माल्टे को एक टानिक के रुप में भी यूज किया जाता है। इसके छिलके के पाउडर से तैयार किया गया पेस्ट त्वचा के लिए फायदेमंद होता है।
- इसकी छाल से निकाला गया तेल शरीर को डिटाॅक्सिफाइ करता है। इसके साथ ही इसका तेल त्वचा में कोलेजन बनाता है। इसके बीज का इस्तेमाल सीने में दर्द और खांसी की दवा के लिए किया जा रहा है।
- माल्टे का रस उच्च कोलेस्ट्राल हाई बीपी, प्रोस्टेट कैंसर और दिल के दौरे जैसी बीमारियों का भी इलाज करता है। माल्टा के स्क्वैश में 32.96 मिलीग्राम विटामिन-सी होता है। इसकी 100 ग्राम की मात्रा में 8.60 ग्राम कैल्शियम, 43.91 ग्राम कार्बोहाइड्रेट, 7.22 ग्राम विटामिन.ए, 0.33 ग्राम प्रोटीन होता है।
- प्रतिदिन महज एक गिलास माल्टा का जूश रोज सेवन कर खुद को काफी दुरुस्त रखा जा सकता है।