अविभाजित उत्तरप्रदेश के समय वर्ष 1952 करीब सात दशकों से गंगोत्री सीट पर जिस पार्टी का विधायक जीता उसी पार्टी की सरकार बनने का मिथक चला आ रहा है। वह मिथक आज भी बरकरार रह गया है दरअसल गंगोत्री सीट पर बीजेपी के प्रत्याशी सुरेश सिंह चौहान 8029 मतों से जीत गए हैं। प्रदेश में भाजपा का पूर्ण बहुमत मिलता भी दिखाई दे रहा है जिसमें वह लगभग 36 सीट अब तक अपने नाम भी कर चुकी है। मतगणना अभी जारी है और कुछ और सीटें अभी बीजेपी के खाते में आनी भी बाकी हैं इस लिहाज से एक बार फिर बीजेपी प्रचंड बहुमत की सरकार बनाने जा रही है। इस बीच गंगोत्री सीट का मिथक कायम है हम इस मिथक की चर्चा इसलिए कर रहे हैं कि यह सोशल मीडिया पर भी चर्चा का विषय बना हुआ है। गंगोत्री मंदिर समिति के अध्यक्ष रावल हरीश सेमवाल का कहना है कि मां गंगा यहां की प्रधान देवी है। गंगा और यमुना इस प्रदेश व देश की धमनियों की तरह हैं। विशेषकर मां गंगा के आशीर्वाद से सीट पर जीतने वाले प्रत्याशी को सत्ता में रहने का सुख मिलता है। इसलिए यह मिथक आगे भी कायम रहेगा। सोशल मीडिया पर लोग इस मिथक को पढ़कर अपनी प्रतिक्रिया भी दे रहे हैं।
गंगोत्री सीट का मिथक बरकरार, जिस दल का प्रत्याशी चुनाव जीतता है, उस दल की प्रदेश में सरकार बनती है

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