रामनगर : ऐपण गर्ल के नाम से मशहूर मीनाक्षी खाती द्वारा निर्मित राखियों की बाजार में भारी मांग है। ऐसे में मीनाक्षी इस मांग को पूरा करने में जुटी हुई है। जी हाँ रक्षाबंधन का पावन पर्व आनें वाला है, पिछले साल लोगों नें ऐपण राखियों को बेहद पसंद किया था इस साल भी ऐपण राखियों की भारी मांग है। इसी को देखते हुए मीनाक्षी ने भी ‘Vocal for Local’ मंत्र को चरितार्थ करते हुये ऐपण राखी तैयार कर ग्रामीण रोजगार को बल देने की ठानी है।
मीनाक्षी ने बताया कि उनके द्वारा तैयार राखियां नशा मुक्त भारत और बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के सन्देश के साथ भी बनाई जा रही हैं। इसके अलावा भाई, भैजी, भुली विभिन्न नामों से ये राखियाँ बनायी जा रही है। ये राखियां हमें पर्यावरण की दृष्टि से भी ज्यादा सुरक्षित है क्योंकि इनमें कहीं पर भी प्लास्टिक या अन्य चीजों का उपयोग नहीं किया गया है। इस बार भी लोगों द्वारा राखियाँ बहुत पसंद की जा रही है। अब तक वह 2500 से अधिकार राखियों के आर्डर पूरे कर चुकी है। वहीं उनका लक्ष्य है कि वह 6 से 7 हजार राखियां तैयार की जाएं।
बता दें कि मीनाक्षी खाती को उत्तराखंड की ऐपण गर्ल के नाम से भी जाना जाता है। मीनाक्षी खाती ऐपण कला में विस्तार से कार्य कर रही है। वो न केवल राखी में ऐपण कला उकेर रही बल्कि पूजा के थाल, शुभवर्तन ,चौकी, नेमप्लेट और पूजा के कपड़ो पर ऐपण कला उकेर कर उत्तराखंड की लोककला के प्रचार प्रसार में महत्वपूर्ण योगदान दे रही है। मीनाक्षी खाती ने ऐपण कार्य को विस्तार से करने के लिए मिनाकृति ऐपण प्रोजेक्ट ( Minakriti – The aipan project ) नाम से एक कार्यशाला बनाई है। इसी नाम फेसबुक पेज भी है, जिसके माध्यम से मीनाक्षी खाती व उनकी टीम जनता से जुड़ते हैं ,ऐपण का प्रचार प्रसार के साथ, अपने सामान को बेचते हैं। उनके द्वारा बनाई गई राखियां आप उनके इंस्टाग्राम पेज
minakriti_official पर जाकर भी खरीद सकते हैं।