नैनीताल हाई कोर्ट ने उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग९( UKSSSC )की ओर से समूह ग के 900 से अधिक पदों की निरस्त हो चुकी चयन प्रक्रिया को चुनौती देती याचिकाओं को खारिज करते हुए आयोग को नौ जुलाई को दोबारा परीक्षा आयोजित करने के कार्यक्रम पर मुहर लगा दी है। अब यह परीक्षा आयोग के नए निर्णय के अनुसार होगी। कोर्ट ने सुनवाई के बाद अभ्यर्थियों की याचिका को निस्तारित कर दिया।
इस मामले में नैनीताल हाईकोर्ट में न्यायमूर्ति रवींद्र मैठाणी की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। याचिकाकर्ताओं का कहना था कि उन्होंने मेहनत कर परीक्षा उत्तीर्ण की, लेकिन सरकार ने बिना वजह ज्वाइनिंग नहीं दी। सुनवाई के दौरान UKSSSC की ओर से पेश अधिवक्ता सीके शर्मा ने कोर्ट को बताया कि एसआइटी की जांच में यह पता लगाना संभव नहीं है कि चयन में सफल कितने अभ्यर्थियों ने नकल की है, कितनों ने नहीं। अब नकल करते पकड़े गए जिन अभ्यर्थियों को आयोग ने प्रतिबंधित किया है, उन्हें छोड़कर सभी अन्य परीक्षा में शामिल होंगे। हरिद्वार में कांवड़ सीजन के चलते 12 जिलों में परीक्षा कराई जाएगी।
बता दें कि पेपर लीक से पहले वाली परीक्षा पांच दिसंबर 2021 को आयोजित हुई थी और सात अप्रैल को परीक्षाफल घोषित हुआ। अभ्यर्थियों के चयन के बाद उनके प्रमाण पत्रों का भी सत्यापन कर दिया गया। इस मामले में पेपर लीक का मुकदमा दर्ज हुआ। बड़ी संख्या में गिरफ्तारियां भी हुई। बाद में आयोग ने इस परीक्षा को दोबारा कराये जाने का निर्णय लिया। क्योंकि नकलचियों को सूचीबद्ध कर परीक्षा में बैठने के लिए प्रतिबंध तो किया गया लेकिन नकलचियों का वास्तविक आकलन न लग पाने पर पूरी परीक्षा कैंसिल कर इसे दोबारा कराए जाने का निर्णय लिया गया।
इसके बाद यूकेएसएसएससी (UKSSSC) ने आयोग की ओर से स्नातक स्तरीय में समूह ग समेत अन्य के करीब 916 पदों के लिए विज्ञप्ति जारी की है। स्नातकस्तरीय पदों जैसे सहायक समाज कल्याण अधिकारी, सहायक महाप्रबंधक उद्योग, सहायक चकबंदी अधिकारी, ग्राम्य विकास अधिकारी, ग्राम पंचायत विकास अधिकारी सहित अन्य पद शामिल हैं। आयोग अध्यक्ष के अनुसार परीक्षा आयोजित करने के लिए आयोग की टीमें रवाना हो चुकी हैं। बायोमेट्रिक, सीसीटीवी व जैमर की व्यवस्था हो चुकी है। परीक्षा को निर्विघ्न व शांतिपूर्ण आयोजित कराने के लिए पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।