उत्तराखंड के लाल को को सेना में बहादुरी, और अद्यम्य शाहस के लिए सेना मेडल से सम्मानित किया गया है। उत्तराखंड के कण कण से वीरता के चिराग निकलकर आज सरहद पर देश की सेवा का भार संभालें हैं। अल्मोड़ा जिले के द्वारहाट स्थित मटेला गाँव के रहने वाले वीर सिपाही ने अपनी बहादुरी, सराहनीय नेतृत्व और अत्यधिक सतर्कता के लिए सेना में सम्मान पाया है। जिसने पुरे उत्तराखंड को गोरवान्वित कर दिया है। भूपेंद्र सिंह को सम्मान मिलने से उनके परिजनों समेत क्षेत्रवासियों में ख़ुशी की लहर छायी है।
भूपेंद्र सिंह ने अपने बहादुरी का परिचय तब कराया था जब 4 फरवरी 2016 को कश्मीर के बंदिपोर जिले के हाजिन गाँव में आतंकियों के छुपे होने की खबर मिली थी। सेना और पुलिस के संयुक्त अभियान से गांव को चारों और से घेर लिया गया।आतंकियों ने घर में कुछ लोगों को भी बंधक भी बनाया हुआ था। सेना और पुलिस ने 10 घंटे तक मुठभेड़ चलती रही। इस दौरान उत्तराखंड के इस वीर सिपाही ने घर में घुसकर आतंकवादियों की छाती पर गोलियां दागी थी।
आर्मी और पुलिस द्वारा चलाये गए इस अभ्यान में लश्कर-ए-ताईबा के 3 खूंखार आंतकियों को मोत के घाट उतार दिया गया था। आपको बता दें कि भूपेंद्र सिंह की प्रारंम्भिक शिक्षा उनके गांव मलेटा में पूरी हुई इसके बाद हाईस्कूल गगास और इंटर की पढ़ाई राजकीय इंटर कॉलेज नौगांव से पूरी की त्तरी कमान अधिकारी ने उधमपुर (जम्मू कश्मीर) में भूपेंद्र को इस सम्मान से नवाजा है।
भूपेंद्र की इस बहादुरी के लिए हम उसे सलूट करते हैं भारत माता की रक्षा में अपने प्राणों की प्रवाह ना करते हुए उन्होंने जो साहस दिखाया है। उसके लिए ये सम्मान कुछ भी नहीं हैं देश के लिए मर मिटने वाले वीर सैनिक के लिए सबसे बड़ा सम्मान तो उनके प्रति हम लोगों का स्नेह बना रहे और हम उनका उत्साह बढ़ाने के लिए हमेशा आगे रहे। यही सबसे बड़ा सम्मान है। जय हिन्द। ')}