अल्मोड़ा से करीब 30 किमी दूर बमनस्वाल के निकट बानठोक नामक स्थान पर नौ देवल मंदिर समूह है। मंदिर समूह के सभी नौ मंदिर नागर शैली में बने हैं। बरतोली और खोली नदी के संगम में स्थित यह सभी शिव मंदिर हैं। पुरातत्व विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक इन मंदिरों का निर्माण 12वीं शताब्दी में कत्यूरी शासनकाल में हुआ।
1993 में राज्य पुरातत्व विभाग ने इन्हें संरक्षण में ले लिया। इनमें से छह मंदिर 1993 से पहले से ही झुके हुए थे। पुरातत्व अधिकारियों के मुताबिक भूमि के धंसाव के कारण ये मंदिर 100 साल से भी अधिक समय पहले झुक गए थे।
पुरातत्व विभाग ने सुरक्षा दीवार बनवाने के बाद मंदिरों को सीधा करने की योजना तैयार की। इस साल शुरू में 25 लाख रुपये की लागत की इस योजना को शासन से मंजूरी मिली और जून 2017 में मंदिरों को सीधा करने का काम शुरू हुआ। अंतिम चरण में कुछ सुंदरीकरण आदि का काम अगले दो माह में पूरा कर लिया जाएगा। इसमें दौलपुर (राजस्थान) के कारीगरों को लगाया गया था।
मंदिरों को सीधा करने के लिए धौलपुर के रोहित कुमार के नेतृत्व में कारीगरों की टीम पिछले छह माह से लगी थी। यह कार्य ग्रामीण निर्माण विभाग के माध्यम से कराया जा रहा है। सभी छह मंदिरों को सीधा करने का काम पूरा हो चुका है।
नौ देवल मंदिर समूह के झुके मंदिरों को सीधा करने के लिए मंदिरों के पत्थरों को एक-एक करके चेन पुली के सहारे उतारा गया। उतारने के साथ ही हर पत्थर पर नंबरिंग कर दी गई। साथ ही उनमें पूरब, पश्चिम, उत्तर, दक्षिण दिशा का भी अंकन किया गया ताकि उन्हें दोबारा ठीक उसी तरह लगाया जा सके।
मंदिरों की बुनियाद तक सारे पत्थर हटाने के बाद उस स्थल को समतल किया गया। फिर पत्थरों को उसी क्रम में फिट किया गया जिस क्रम से उन्हें हटाया गया था। सभी छह मंदिरों में कोई पत्थर खराब नहीं था इसलिए कोई नया पत्थर नहीं लगाया गया। उतारे गए सारे पत्थरों को इस तरह फिट कर दिया गया कि मंदिर हू-ब-हू पहले की तरह बन गए, लेकिन झुकाव खत्म हो गया। इस तकनीक के जरिये मंदिरों की नाप में भी इंच भर का अंतर नहीं आता। ')}