प्रदेश में दुर्घटनाओ की लगातार बढ़ती संख्या चिंता का विषय बनी हुई है और अब त्रिवेन्द्र सरकार ने पहली बार अति संवेधानशील जिलों में परिवहन थाने खोलने पर सहमति जताई है। जिसके बाद इन थानों के लिए जामीन तलासने का काम भी शुरू कर दिया गया है। खबर के मुताबित इन थानों में वाहनों की चेकिंग की जाएगी और नियम तोड़ने वालों पर तुरंत कार्यवाही की जायेगी। चेकिंग करने वाला स्टाफ के रहने की व्यवस्था भी थाने में रहेगी। इससे भी बड़ा मसला यह है कि सीज किये वाहनों को भी इस थाने में रखा जाएगा।
उत्तराखंड में 2016-17 में 601 सड़क हादसे हुए हैं जिसमे 418 लोगों की मौत और 639 लोग घायल हुए। इन हादसों में जादातर हादसे देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल और ऊधमसिंह नगर जिले में हुए हैं। इसे देखते हुए शासन ने सख्ती से वाहनों की जांच और नियम तोड़ने वाले वाहनों को सीज करने का फैसला लिया है इसके बाद इन चार जिलों में सबसे पहले थाने स्थापित किये जायेंगे।
अभी तक सिर्फ यह होता था कि पकडे जाने पर चालक को पुलिस चौकी में बंद किया जाता था और जब्त की गाडी के लिए जगह नहीं मिलती थी। कई बार पुलिस को सिर्फ चालान काटकर वाहन को छोड़ देना पड़ता है लेकिन परिवहन चौकी बन जाने के बाद यह क़ानून सख्ती से लागू होगा।
')}