“जब तक सूरज चाँद रहेगा विरेन्द्र तेरा नाम रहेगा” भारत माता की जय की गूंज के बीच जम्मू कश्मीर के पुलवामा में आतंकी हमले में सी0आर0पी0एफ0 के शहीद जवान माँ भारती के वीर सपूत विरेन्द्र राणा को जनपद ऊधमसिंहनगर के उनके घर खटीमा में सम्पूर्ण राजकीय सम्मान के साथ उनके घर लाया गया, इस दौरान केंद्रीय कपड़ा राज्यमंत्री अजय टम्टा ने पार्थिव शरीर को कंधा दिया। शव के घर पहुंचते ही कोहराम मच गया।
पिता दीवान सिंह और पत्नी रेनू बेसुध हैं। पुलवामा में हुए फिदायीन हमले में खटीमा के मोहम्मदपुर भुड़िया निवासी विरेंद्र सिंह राणा (36) क्षेत्र के मोहम्मदपुर भुड़िया निवासी दीवान सिंह (80) के पांच बेटों और बेटियों में सबसे छोटे थे।

विरेंद्र के दो मासूम बच्चे बड़ी बेटी रोही (4) और ढाई वर्षीय पुत्र बयान सिंह हैं। बेटी रोही ब्राइट एकेडमी प्रतापपुर में कक्षा एक में पढ़ती है। शहीद के मासूम बच्चों रोही और बयान नहीं जानते कि उनके घर पर लोग क्यों एकत्र हुए हैं और मम्मी और बाबा के अलावा सभी लोग रो क्यों रहे हैं। कुछ देर यूं ही गुमसुम रहने के बाद दोनों बच्चे भी मम्मी के साथ रोने लगे। घर आईं महिलाएं कई बार रोते हुए बच्चों को उठाकर बाहर ले गईं और शांत कराया। अमर शहीद जवान विरेन्द्र राणा के बलिदान को कोटि-कोटि नमन। पूरा देश शहीद के परिवार के साथ खड़ा है।