रुद्रप्रयाग: करोड़ों रूपये की लागत से नमामि गंगे योजना के तहत अलकनंदा एवं मंदाकिनि नदी किनारे स्थित घाटों की दुर्दशा बनी हुई है। घांटों में जगह-जगह गंदगी फैली हुई है। स्थिति यह है कि जो घाट पर्यटकों के लिये बैठने के लिये बनाये गये हैं, वहां शराबियों का अडडा बना हुआ है। घाटों पर शराब की बोतले फोड़ी गई हैं। जबकि नदियों को भी दूषित किया जा रहा है।
विदित हो कि इसी वर्ष बरसात से पहले ही अलकनंदा एवं मंदाकिनि नदी के संगम स्थल के साथ ही दोनों नदियों के किनारे करोड़ों रूपये की लागत से घाटों का निर्माण किया गया है। यह घाट नमामि गंगे योजना के तहत निर्मित किये गये हैं। घाटों का निर्माण होने के बाद पर्यटक एवं यात्री इन घांटों में पहुंचने लग गये थे, लेकिन बरसात के समय ये सभी घाट जलमग्न हो गये। अभी भी कई घाटों में नदी का मलबा जमा पड़ा हुआ है। मलबे को साफ करने के लिये कोई प्रयास नहीं किये गये हैं।
वहीं दूसरी ओर अब नदी किनारे स्थित घाट शराबियों का अडडा बन गये हैं। सांय होते ही शराबी घाटों में पहुंच रहे हैं और शराब पी रहे हैं। इतना ही नहीं घाटों में ही शराब की बोतले फोड़ दे रहे हैं। ऐसे में जो पर्यटक यहां पहुंच रहे हैं, उन्हें भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। प्रसिद्ध कथा वाचक आचार्य दीपक नौटियाल ने कहा कि नमामि गंगे योजना के तहत जो घाट निर्मित किये गये थे, वह आज शराबियों एवं जुआरियों के अडडे बन गये हैं। घाट तो बनाये गये हैं, लेकिन इनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है। सांय होते ही घाटों पर शराबियों का हुडदंग मच रहा है। ऐसे में पर्यटक और यात्री भी घाटों का रूख नहीं कर रहे हैं।
श्री नौटियाल ने कहा कि शराबी नदियों की पवित्रता को भी धूमिल कर रहे हैं। कोई भी घाट ऐसे नहीं हैं, जहां शराबी न रहते हों। उन्होंने कहा कि प्रशासन एवं नगरपालिका को घाटों की सुधर लेकर शराबियों के जाने पर रोक लगानी होगी। वहीं इस संबध में जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल का कहना है कि घाटों को नगरपालिका के सुपुर्द करने की कार्यवाही चल रही है। ये नगरपालिका क्षेत्र में हैं और घाटों की सफाई का जिम्मा पालिका का बनता है। उन्होंने कहा कि यदि घाट में इस प्रकार के कृत्य किये जा रहे हैं तो, वह सरासर गलत है। जो भी व्यक्ति घाटों में शराब पीते हुये पकड़ा जाता है तो उसके खिलाफ कार्यवाही की जायेगी। ')}