उत्तराखंड में शराब बंदी का आन्दोलन कम होने की बजाय जोर पकड़ रहा है ऐसे में दारुबाजों के दिल में खोप पैदा होने लगा है क्योंकि महिलाओं ने अब दारु के ठेके उजाड़ने का निर्णय लिया है महिलाओं ने दारुबाजों को कई बार कंडाली लगाने तक की धमकी दी थी लेकिन शायद यह धमकी उन्हें मज़ाक लगी फिर डंडे के दम पर भी सरकार को चैताया लेकिन सरकार शराब बंद के मूड में ही नहीं दिख रही है
फिर महिलाओं ने सारे क़ानून दरकिनार कर सरकार के लिए नयी चेतावनी जारी कर ली है गुरुवार को रुद्रप्रयाग के चोपता बाज़ार में जो हुआ वो देखने लायक था महिलाओं ने दारू के ठेकों से शराब निकाल सड़क पर तोड़ दी और फिर आग के हवाले कर दिया इस जोरदार प्रदशन में पुरुष भी हिस्सा ले रहे हैं ऐसे में शराब बंदी का ये आन्दोलन अब उग्र रूप ले रहा है काशीपुर और उधमसिंह नगर में भी दारू के ठेके को ही उजाड़ दिया गया अब तक पिछले 2 महीने से ऐसे ही पुरे उत्तराखंड में 50 से जादा घटनाएं हो चुकी हैं जब महिलाओं ने शराब की भरी बोतले तोड़कर सरकार के प्रति गुस्सा जाहिर किया है.
त्रिवेन्द्र सरकार इस मुद्दे पर बैठक तो कर रही है पर कोई ठोस कदम नहीं ले पा रही है सरकार की तरफ से दारु बंद करने की बात तो कही जाती है लेकिन वो दारुबंद पर बिहार जैसे राज्य को फॉलो नहीं करने की बात कह रहे हैं उत्तराखंड, हरियाणा, उत्तरप्रदेश, हिमांचल, मध्यप्रदेश राज्यों में आजकल शराब बंदी को लेकर महिलाओं का आन्दोलन चल रहा है अब तो शराबबंदी पुरे देश में एक आन्दोलन का रूप ले रही है. ')}