हरिद्वार: उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने ‘पतंजलि गुरुकुलम्’ के विशेष कार्यक्रम ‘विद्यार्थी संस्कार शिविर’ के समापन सत्र में भाग लिया। स्वामी रामदेव महाराज तथा आचार्य बालकृष्ण महाराज ने कैबिनेट मंत्री को पुष्प गुच्छ भेंट कर उनका भव्य स्वागत किया। इस अवसर पर शाही ने कहा कि वैदिक संस्कृति के उत्थान में पतंजलि गुुरुकुलम् महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा कि स्वामी राामदेव महाराज तथा आचार्य बालकृष्ण महाराज ने पूर्ण तपोमय जीवन जिया है। इन्हीं के आदर्शों पर चलकर पतंजलि के माध्यम से श्रेष्ठ नागरिकों का निर्माण होगा।
कार्यक्रम में स्वामी रामदेव महाराज ने कहा कि पतंजलि योगपीठ के माध्यम से योग, आयुर्वेद, प्राकृतिक चिकित्सा, अनुसंधान, कृषि व स्वदेशी क्रान्ति के बाद अब शिक्षा क्रान्ति का आरम्भ हो रहा है। पतंजलि गुरुकुलम् इसी क्रान्ति का एक प्रमुख चरण है। यह वैदिक शिक्षा तथा ऋषि ज्ञान परम्परा के क्षेत्र में अभिनव क्रांति है। यहाँ अध्ययनरत विद्यार्थी ऋषियों की संस्कृति को अंगीकार कर भारतीय संस्कृति के गौरवमयी इतिहास का पुनर्जागरण करेंगे।
इससे पूर्व कृषि मंत्री ने आचार्य बालकृष्ण महाराज से उत्तर प्रदेश में किसानों तथा परम्परागत कृषि की बिगड़ती दशा सुधारने हेतु गहन चर्चा की। चर्चा के दौरान आचार्य बालकृष्ण महाराज ने कहा कि उत्तर प्रदेश में कृषि सेवाओं के विस्तार की अपार सम्भावनाएँ हैं। पतंजलि के माध्यम से उत्तर प्रदेश में अनेक कृषि कार्य संचालित किए जा रहे हैं, जिनके विस्तार हेतु हम सदैव प्रयासरत हैं।
जैविक कृषि प्रशिक्षण, मृदा परीक्षण तथा रसायनों के दुष्प्रभाव की जानकारी हेतु समय-समय पर पतंजलि ग्रामोद्योग के माध्यम से कार्यशालाओं का आयोजन किया जाता है, जिनमें किसानों को जैविक कृषि की ओर प्रेरित किया जा रहा है। शाही ने पतंजलि की विभिन्न इकाईयों में संचालित सेवापरक गतिविधियों का जायजा लिया। पतंजलि अनुसंधान संस्थान का भ्रमण कर उन्होंने पतंजलि की अनुसंधानपरक गतिविधियों की भूरी-भूरी प्रशंसा की।
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