देहरादून- प्रदेश के तीन जिलों में शराबबंदी के हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ भले ही सरकार को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिल गई है परंतु उत्तराखंड की मातृशक्ति इसके खिलाफ है। वह हर हाल में शराबबंदी चाहती हैं और इसके लिये पहाड़ से लेकर मैदान तक आंदोलन किये जा रहे हैं। ठेके शिफ्ट करने को लेकर मैदानी जनपद हरिद्वार में भी उग्र आंदोलन हो रहे हैं। राजमार्गों से शराब के ठेके हटाकर उन्हें गलियों में शिफ्ट करने का भी प्रबल विरोध हो रहा है।
उत्तराखंड के ग्रामिण इलाको से भी तोड़ फोड़ ओर आन्दोलन होने की खबर है। ग्रामीणों ने दुकान के प्रचार के लिए लगाए होर्डिंग और साइन बोर्ड फूंक दिए। ग्रामीणों ने एकत्र होकर शराब की दुकानें खोलने का विरोध करने का निर्णय लिया है
देहरादून के नेहरूग्राम मे भी दुकान खोलने पहुंचे सरकारी अमले का लोगों ने विरोध किया प्रेमनगर ओर धर्मपुर इलाके मे भी जोरदार विरोध देखने को मिला। अंग्रेजी शराब की दुकान को बाजार में शिफ्ट करने की सूचना पर महिलाएं भड़क गई। इसके बाद तहसील पहुंची महिलाओं ने जोरदार प्रदर्शन किया।
रुद्रप्रयाग के ऊखीमठ में करीब तीन सौ महिलाओं ने शनिवार रात व रविवार को धरना दिया।
शराबबन्दी पर कोर्ट के फैसले के बाद कुछ उपद्रव भी गलियों मे दुकाने लगाने की फिराक मे देखे गये . लेकिन हर जगह से उन्है विरोध झेलना पड़ा है ओर नारी शक्ति के सामने हर किसी ने हार मानी है अब मात्र शक्ति ने उत्तराखंड की बीजेपी सरकार को सोचने पर मजबूर कर दिया है महिलाओं की माने तो वो पूरे उत्तराखंड मे शराबबन्दी चाहते हैं । ओर उन तीन जिलो मे निश्चित तौर पर हो जो चार धाम यात्रा से जुड़े हैं।
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