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उत्तराखंड समाचार

1866 से लगातार चल रहा है नदी में मछली पकड़ने का ये मेला जोनपुर में आज हुआ शुरू

Published June 28, 2017 515 Views
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जोनपुर उत्तराखंड की ऐतिहासिक सांस्कृतिक धरोहर मौण मेला आज शुरू हो गया है जिसमे हजारों की संख्या में ग्रामीण अपने पारंपरिक वाद्ययंत्रों और औजरों के साथ अगलाड़ नदीं में मछलियों को पकड़ने के लिए जाते हैं  हर साल मनाए जाने वाले इस अनोखे मेले में हजारों की संख्‍या में जुटकर ग्रामीण अगलाड़ नदी में मछलियां पकड़ते हैं। इससे पूर्व अगलाड़ नदी में टिमरू के छाल से निर्मित पाउडर डाला जाता है

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टिमरू का पावडर जल पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचाता है। मात्र कुछ समय के लिए मछलियां बेहोश हो जाती हैं। इस दौरान ग्रामीण मछलियों को अपने कुण्डियाड़ा, फटियाड़ा, जाल तथा हाथों से पकड़ते हैं, जो मछलियां पकड़ में नहीं आ पाती हैं, वह बाद में ताजे पानी में जीवित हो जाती हैं ये समय मस्ती और नाचने का होता है साथ ही यह परम्परा टिहरी नरेश द्वारा 1866 में शुरू की गयी थी जिसके बाद से यहाँ हर साल ये मेला मनाया जाता है

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मेले में जौनपुर जौनसार की संस्कृति की झलक भी देँखने को मिलती है। मेले की खास बात यह है कि यहां पर टिमरू के पौधे की छाल निकालकर इसे धूप में सुखाने के बाद घराट में पीसा जाता है और नदी में डिमरू पाउडर डालने से पहले लोग ढोल-दमाउ की थाप पर जमकर नृत्य करते हैं। मछली पकड़ने के लिए स्थानीय लोगों द्वारा पारंपरिक यंत्र का प्रयोग किया जाता है और लोग शाम को गांव पहुंचकर इस त्योहार को धूमधाम से मनाते हैं। इस मेले में करीब 114 से अधिक गांवों के लोग शिरकत करते हैं इस बार ये त्यौहार के लिए हजारों की संख्या में इस मेले में लोग सिरकत कर रहे है ')}

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Debanand pant June 28, 2017
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