इस बार गुरु पूर्णिमा के दिन 16 जुलाई से 17 जुलाई यानी बुधवार की सुबह तक चंद्रग्रहण के सूतक के चलते चारों धामों समेत सभी मंदिरों के कपाट रहेंगे। चंद्रग्रहण की ये अवधि दो घंटे 59 मिनट की होगी। गंगोत्री धाम के तीर्थ पुरोहित और गंगोत्री मंदिर समिति के अध्यक्ष सुरेश सेमवाल ने बताया कि 16 जुलाई की देर रात एक बजकर 31 मिनट पर ग्रहण शुरू होगा।
ग्रहण मध्य रात तीन बजे और मोक्ष 17 जुलाई को भोर चार बजकर 30 मिनट पर होगा। चंद्र ग्रहण की पूर्ण अवधि दो घंटा 59 मिनट होगी। ग्रहण आरंभ होने से नौ घंटे पहले यानी शाम चार बजकर 30 मिनट पर सूतक आरंभ हो जाएगा। इसलिए 16 जुलाई की शाम तीन बजकर 45 मिनट पर गंगा आरती की जाएगी। ठीक चार बजे मां गंगा को राजभोग लगाया जाएगा। जिसके बाद चार बजकर दस मिनट पर कपाट बंद किए जाएंगे।
17 जुलाई की भोर मंगल आरती पांच बजकर 45 मिनट पर होगी। इसके बाद ही मंदिर का कपाट सामान्य दर्शनार्थियों के लिए खोला जाएगा। इसी तरह से यमुनोत्री धाम और विश्वनाथ मंदिर के कपाट भी सूतक काल के लिए बंद रहेंगे। वहीं, बदरीनाथ और केदारनाथ धाम के कपाट 16 जुलाई को दोपहर बाद चार बजकर 25 मिनट पर बंद होंगे। इसके लिए शाम तीन बजकर 15 मिनट पर सांयकालीन मंगल आरती होगी। तीन बजकर 45 मिनट पर भोग और शयन आरती की जाएगी।