मशरूम की खेती को लेकर हो रहे रिसर्च के बीच एक और जंगली मशरूम का वन अनुसंधान के अफसरों को पता लगा है । हालांकि उत्तराखंड के ग्रामीणों के लिए यह कोई नई बात नहीं है, इसका स्वाद और पौष्टिकता मुर्गे के मीट से भी ज्यादा है और इसका आकार भी मुर्गे के जैसा ही होता है, इसी वजह से इसे मुर्गा मशरूम कहा जाता है।
यह बरसात के समय में बाँझ के पेड़ों पर उगता है । ग्रामीण बड़े चाव से इसकी सब्जी बनाकर खाते हैं लेकिन इस मशरूम को लेकर पहली बार कई विशेषज्ञों, रिसर्चरों और मशरूम व्यवसायियों से पूछताछ की है । हर किसी के लिए यह नई चीज है लेकिन जब ग्रामीणों से पूछताछ की गई तो पता लगा कि लोग कई सालों से इसे खाते आये हैं । इसके बारे में जानकारी भी रखते हैं ।
अब वन विभाग की मुर्गे की तरह दिखने वाले इस जंगली मशरूम का संरक्षण और उन्नत किस्म विकसित करने की योजना है। ताकि इसको व्यावसायिक रूप से उगाया जा सके। इससे लोगों को रोजगार भी मिलेगा। वैज्ञानिक इस पर शोध करने जा रा रहे हैं ।