माननीय प्रधानमंत्री मोदी जी ने देश हित में 21 दिनों के लिए लॉकडाउन कर दिया है। उन्होंने कहा कि अपने घर पर ही रहकर हम सब कोरोना को हरा सकते है इस महामारी को मिटा सकते है इसी के चलते आज चारो तरफ दुकाने बंद है, जरूरी सामान मिलना भी बहुत मुश्किल हो रहा है। लेकिन क्या आपने सोचा है उन गरीबो का क्या हाल होगा, जो सुबह उठ कर काम पर जाता था और मजदूरी करके अपने परिवार का पालन-पोषण करता है उस बेसहारा का क्या हाल होगा जिसके पास न पैसा है और न अभी कोई काम न अपने है।
आज इस मुसीबत की घड़ी में एक ऐसा शख्स भी है जो गरीबों और बेसहारा लोगो के लिए भोजन की व्यवस्था कर रहा है। जी हाँ डॉ. संतोष चमोली कुछ ऐसा ही कर रहे हैं। देहरादून उत्तराखंड के रहने वाले डॉ. चमोली रोज अपने घर से खाना बनाकर अपनी गाड़ी में रखकर उन गरीब, बेसहारा लोगो तक खाना पहुचा रहे है, जो भूखे है, मजबूर हैं या गरीब हैं।
ऐसे समय में बने गरीबों के मशीहा-
आज के इस युग मे कौन किसकी मदद करता है, इस समय लॉकडाउन है, सभी अपने घरों में है। सारी दुकानें और बाजार बंद है। गरीब जाए भी तो कहां जाए? अपने खाने की व्यवस्था कहा से करें? पैसा भी तो नहीं है! वैसे डॉक्टर चमोली शनिवार को गरीबों को खाना खिलाते ही थे, लेकिन इस समय परेशानी अधिक है इसलिए उन्होंने घर से रोज 100 से 150 लोगो का खाना बनाकर गरीब, बेसहारा लोगों को खाना खिलाने का काम शुरु कर लिया। खाना खिलाते समय पूरी सावधानी रखी जा रही है। वो जरुरत पड़ने पर लोगों को मास्क ओर शेनेटाइजर भी बांटे जा रहे है।
डॉ. चमोली ने बताया कि इस समय कई लोग अपने गांव जा रहे है, रास्ते मे है और भूखे है। वो लोग परेशान है किराया तक उनके पास नहीं है। ऐसे में वे उनकी हर तरह से मदद कर रहे हैं। इस डॉ. चमोली के इस कार्य की सराहना हो रही है। डॉ. चमोली कहते हैं कि ऐसे समय में हम सभी को गरीबों की मदद के लिए भी आगे आना चाहिए, मन मे सेवा का भाव हो तो किसी की भी मदद जरूर करें। इंसान ही इंसान के काम आता है।
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