रुद्रप्रयाग : उत्तराखंड में ग्रामीण इलाकों में बड़े पैमाने पर नेटवर्क क्षमता बड़ी है लेकिन कई गांव इस सुविधा से महरूम हैं। कई ग्रामीण इलाकों में सरकार की उदासीनता की वजह से नेटवर्क नहीं हैं तो कुछ इलाके ऐसे भी हैं जहां चारों और टॉवर होने के बावजूद भी सिगनल नहीं पहुंचते।
गांव की भौगेलिक परिस्थिति की वजह से ऐसे हालात हो सकते हैं, लेकिन सोचिए आस-पास के गांवों में सिगनल हो और अकेला एक गांव छूट जाए जिसमे थोड़ी भी सिग्नल न पकड़े तो वहां के ग्रामीण कितने निराशा महसूस करते होंगे?
रुद्रप्रयाग के जखोली ब्लाक के लिस्वाल्टा गांव के निवासी भी इसी तरह का दंश झेल रहे हैं। गांव में आज भी मोबाईल सिग्नल का अभाव है, जिससे सभी ग्राम वासियों और विद्यार्थियों को भारी समस्या का सामना करना पड़ रहा है।
मोबाइल पर बात करने के लिए ग्रामीणों को जंगल की और ऊपरी इलाकों की तरफ जाना पड़ता है। खास बात यह है कि इलाके में दो से तीन टॉवर पांच किमी के दायरे में हैं लेकिन गहराई पर होने की वजह से सिग्नल गांव तक नहीं पहुंचते हैं।
क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों द्वारा शासन प्रशासन को कई बार अवगत कराने के बाद भी इस सुदूरवर्ती गांव की सुध नहीं ली गई है। यूकेडी डेमॉक्रेटिक पार्टी युवा मोर्चा प्रेसिडेंट रुद्रप्रयाग दीपक सिंह ने सरकार के इस उदासीन रवैये पर नाराजगी व्यक्त की है।
उन्होंने रुद्रप्रयाग विधायक भरत सिंह चौधरी और उत्तराखण्ड सरकार से आग्रह किया कि इस गांव की इस समस्या का तुरंत समाधान किया जाय ताकि सरकार द्वारा ऑनलाइन शिक्षा व्यवस्था लागू होने के बाद गांव के बच्चे अपनी पढ़ाई जारी रख सकें।