चमोली में आई भीषण त्रासदी को कई लोगों ने बेहद करीब से देखा। जो लोग अपने आँखों के सामने देख रहे थे वो इस भीषण त्रासदी के मंजर को कभी नहीं भुला सकते, वे किसी तरह लोगों को काल के मुँह से बाहर लाने के लिए चीख-पुकार रहे थे। जो लोग टनल के आस-पास थे उन्हें खुद संभलने का मौका भी नहीं मिला। ऐसे समय में चमोली जिले के ढाक निवासी दो भाइयों ने अपनी जान गंवाकर भी कई लोगों की जिंदगी बचाई।
जानकारी के अनुसार, ऋषिगंगा की आपदा के दौरान दूसरों की जान बचाते समय ढाक निवासी अनुप व राजेश थपलियाल दो चचेरे भाइयों ने भी सैलाब मे बहकर अपनी जान गवायी। दोनो भाई तपोवन विष्णुगाड परियोजना मे कार्य कर रहे थे। जैसे ही दोनो ने सैलाब को आते देखा उन्होने जोर से चिल्लना शुरु किया, और कार्य कर रहे मजदूरों को भागने को कहा।
मौके पर कार्य कर रहे कुछ मजदूर वहाँ से भाग निकले और अपनी जान बचायी। बैराज के सामने स्तिथ घर से परिवार के लोगो ने भी उन्हे जोर जोर से आवाज मारकर भागने को कहा लेकिन जब तक दोनो भाई वहाँ से निकलते सैलाब उनको अपनी चपेट मे लेकर बहा ले गया। दोनो भाईयों के पास भागने का पुरा मौका था, लेकिन स्वयं की परवाह ना करते हुए औरों को बचाने मे लग गए। आपदा के दिन दोनो भाई कंकरीट का काम कर रहे थे।
दोनो भाई अनुप और राजेश एनटीपीसी के लिये काम करने वाली कंपनी ऋत्विक मे सीनियर सुपरवाइजर पद पर तैनात थे। उनके गाँव के संदीप कुमार और विक्रम का कहना है, जो कि आपदा के दौरान वहाँ पर मौजूद थे कि उन्होंने उन दोनों भाईयों के चिल्लाने पर ही वहाँ से अपनी जान बचाई, इस दौरान वह दोनों भाई अपनी जान भी बचा सकते थे, लेकिन वो लोग वहाँ से खुद ना भागकर और लोगो को बचाने के लिये चिल्लाते गये और अपनी जान गंवा बैठे। दो भाइयों की मौत से परिवार में माहौल शोकाकुल है।
बता दें कि इस त्रासदी में अब तक कुल 206 लोगों के लापता होने की रिपोर्ट दर्ज हो चुकी हैं इसमें से 70 शव और 29 मानव अंग बरामद किए गए हैं।