रुद्रप्रयाग: बारिश के मौसम में पहाड़ के गाँवों में जल संकट पैदा हो गया है। पेयजल योजनाओं के क्षतिग्रस्त हो जाने से रुद्रपयाग जिले के अगस्तमुनि ब्लॉक के धनपुर क्षेत्र के कई गांवों में पीने के पानी नहीं मिल रहा है लोगों को पांच-पांच किलोमीटर पैदल चलकर या फिर मजबूरी में मटमैला और दूषित पानी पीने को मजबूर होना पड़ रहा है। कोविड काल में एक तरफ लोग ऐसे ही परेशान हैं वहीं, पानी की किल्लत ने इसे और अधिक बढ़ा दिया है
जानकारी के अनुसार, भुनका-लमेरी पेयजल योजना और भैरों गदेरे से पोखरसारी-बौंठा पेयजल योजना के क्षतिग्रस्त होने से कोठियूं, ग्वाड़, पोखरसारी, बौंठा, तूना हरिजन बस्ती, किमोठा, लमेरी सहित अन्य गांवों में पानी का संकट गहरा गया है , स्थिति यह है कि बामनपाणी और कोठियूं के पेयजल स्रोत पर पानी के लिए पोखरसारी, ग्वाड़, कोठियूं, बौंठा के लोगों की भीड़ जुटी रहती है, बारिश के चलते बरसू और चरगढ़ गदेरे में मटमैला पानी आ रहा है, जो पीने योग्य नहीं है।
बौंठा के ग्रामीणों ने बताया कि खेड़ी खाल भुनका मोटर मार्ग की वजह से ध्वस्त हो चुकी पाइप लाइन में पानी नहीं आ रहा है। जल स्रोत पर लगातार सड़क का मलबा आने से गाँव का पैतृक जल स्रोत विलुप्त होने की कगार पर है ठेकेदार द्वारा आश्वासन मिलने के वाबजूद जल स्रोत को बचने के पुख्ता इंतजाम नहीं किये गए, जल निगम के टैंकरों द्वारा भी गांव में पानी पहुँचाया जा रहा है जो पर्याप्त नहीं है। ग्रामीणों की सरकार से मांग है कि हमारे क्षेत्र में पैदा हुए इस जल संकट का स्थायी समाधान किया जाय, जिससे कि ग्रामीणों को इस कोविड काल में पानी के लिए दर-दर की ठोकरें न खाने पड़े।