उत्तराखंड ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि जब देश की सेवा करने की बात आती है तो हमारे जवान देश में सबसे आगे रहते हैं। भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) देहरादून में अंतिम पग भरते ही 288 नौजवान भारतीय सेना का हिस्सा बन गए इसमें छोटे से पहाड़ी राज्य उत्तराखंड के तैंतीस युवा भी अधिकारी बन गए है। इनके साथ ही 10 मित्र देशों के 89 विदेशी कैडेट भी पास आउट हुए। दक्षिण पश्चिम कमांड के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल अमरदीप सिंह ने परेड की सलामी ली।
जनसंख्या के मामले में सबसे बड़ा राज्य, उत्तर प्रदेश 50 अधिकारियों के साथ कैडेट्स के राज्यवार प्रतिनिधित्व की तालिका में सबसे आगे है। पासिंग आउट दल में 33 कैडेट्स के साथ उत्तराखंड दूसरे स्थान पर रहा। अगर जनसंख्या के आधार पर देखें तो उत्तराखंड उत्तर प्रदेश से भी आगे रहा। छत्तीसगढ़ और झारखंड राज्य जो वर्ष 2000 में उत्तराखंड के साथ बनाए गए थे, उनका प्रतिनिधित्व पीओपी में एक-एक कैडेट्स द्वारा किया गया। संयोग से ये दोनों राज्य क्षेत्रफल और जनसंख्या में उत्तराखंड से काफी बड़े हैं। यूपी के अलावा अन्य बड़े राज्य सभी उत्तराखंड से पीछे रहे। देश में उत्तर प्रदेश से 50, उत्तराखंड से 33, बिहार से 28, हरियाणा से 25, महाराष्ट्र से 22 पंजाब से 21, राजस्थान से 20, दिल्ली से 15, हिमाचल प्रदेश से 13, केरल से नौ, मध्य प्रदेश से आठ, तेलंगाना और जम्मू एंड कश्मीर से छह-छह, तमिलनाडू और पश्चिम बंगाल से पांच-पांच, कर्नाटक से चार, आंध्र प्रदेश, ओडिसा और त्रिपुरा से दो-दो, अरुणाचल प्रदेश, असम, छत्तीसगढ़, मणिपुर, सिक्कम, झारखंड से एक-एक, नेपाल मूल (भारतीय सेना) से छह युवा भारतीय सेना में अफसर बने हैं।