असुरक्षित लम्बे सफ़र और चालक परिचालक की मनमानी के चलते उत्तराखंड परिवहन हमेशा से ही शिकायत झेलता आया है, लेकिन अब परिवहन निगम ने उत्तराखंड रोडवेज में सफ़र को सुरक्षित और भष्टाचार मुक्त बनाने का बड़ा कदम उठाया है। अब रोडवेज लगभग सभी वोल्वो और एसी वाली बसों पर सीसीटीवी केमरे और जीपीएस लगा चुकी है।
इसके अलावा प्रतेक बस पर डीजल टैंक सेंसर लगाये गये हैं। निगम की इस पहल के बाद मार्ग में चाक परिचालक की मनमानी नहीं चल सकेगी। निर्धारित मार्ग से ही बस को चलाया जा सकेगा।
इसके अलावा बीच रास्ते में बस को नहीं रोका सकेगा। इससे सवारियों की संख्या का भी पता लगेगा। रस्ते में टैंक में कितना डीजल लगा और कितना डाला गया वो कण्ट्रोल रूम को पता होगा।
रोडवेज का अगला तारगेट साधारण बसों का है, करीब 1500 बसों को जल्द से जल्द सीसीटीवी से लैस किया जाएगा इसके लिए सरकार और निगम दोनों मिलकर 5 करोड़ रूपये खर्च करेंगे। हालाँकि इस मामले में अभी मंथन चल रहा है।
यात्रियों के लम्बे सफ़र में सुरक्षा के लिहाज से ये बड़ा कदम है। जीपीएस पर बसों के सञ्चालन के लिए अलग से कण्ट्रोल रूम बनाया गया है। जो कि जरूरी उपकरणों के साथ अनुभवी संचालकों की निगरानी में रहेगा। इसमें गाडी की स्पीड और लोकेशन का पता लगाया जा सकेगा।
इसके अलावा डीजल टैंक पर सेंसर लगाने से ये फायदा होगा कि डीजल की चोरी करना नामुमकिन हो जाएगा इसे डीजल टैंक के ढकन पर लगाया जाता है, इससे छेड़छाड़ करने पर कण्ट्रोल रूम को पता चल जाएगा साथ ही ये सेंसर ये भी बताएगा कि टैंक में कितना तेल है और कितना खर्च हुआ। ')}