शायद आपने पत्यूड़ जरूर खाए होंगे। लेकिन आपको अपनी मां के हाथ से बने अरबी के पत्यूड़ सबसे ज्यादा टेस्टी लगती होंगे। हम कई बार रेसपी अपनाकर पत्यूड़ बना लेगें ओर दुनिया के किसी भी कोने मे बना लेंगे लेकिन मां के हाथ के पत्यूड़ नही बन पाते। क्या आप जानते हैं, मां के हाथ के सटिक मसाले के साथ-साथ पहाड़ी नमक ओर पानी इस डिश का टेस्ट दोगुना करते हैं।
पहाड़ी क्षेत्र मे अरबी के पत्तों से मिक्स कापली भी बनाई जाती है जो यकीनन अन्य सभी प्रकार की कापली से टेस्टी होती है, गढ़वाली भाषा में अरबी को पिडांलू कहा जाता है। उत्तराखंड मे ना सिर्फ अरबी बल्कि अरबी के पत्ते से भी बहुत ही मजेदार डिशें बनाई जाती हैं जिनमे सबसे फेमस पत्यूड़ है।
यह बहुत ही पोराणिक काल से पहाड़ के हर घर मे बनाई जाती है। उत्तराखंड की यह फेवरिट फास्टफूड डिश है। यदि आप उस टेस्ट को वाकई मे जानना चाहते हैं जो कभी आपने मां के हाथों से खाई थी तो ये रेसपी जरूर अपनाऐं।
आवश्यक साम्रगी-
अरबी के पत्ते – आधा किलोग्राम,
बेसन – 200 ग्राम,
आटा – 100 ग्राम,
मिर्च पाउडर – 50 ग्राम,
हल्दी पाउडर – 20 ग्राम,
धनिया पाऊडर- 50 ग्राम,
हरी मिर्च -बारीक कटी,
छोकने के लिए -जख्या,
हींग – चुटकी भर,
सरसों का तेल – 50 ग्राम,
नमक- स्वादानुसार
बनाने की विधि-
अरबी के पत्तों को धोकर रखे, अगर पत्ते बड़े हो तो उन्हें सिलबटे पर थोड़ा थेंच ले, अब घोल कि तैयारी करे बेसन, हल्दी, आटा, हिंग, हरी मिर्च, नमक, मिर्च पाउडर सबको पानी के साथ एक गाढ़ा घोल बना लीजिये।
अब दूसरी और एक पत्ता लेकर इस घोल को उस पर हल्का-हल्का लगायें और फिर दूसरा पत्ता लेकर उसके ऊपर रखे और इस तरह पेस्ट लगाते रहे और कम से कम 3 या 4 पत्ते जब हो जाये तो उनको पहले थोड़ा ऊपर और फिर थोड़ा नीचे से लपेटें फिर उसका रोल बना लें।
इसी तरह कई रोल बना ले, जब रोल तैयार हो जाये तो चूल्हे में एक बड़ा बर्तन जो ढक्कन वाला हो और जिसमें भाप बहार ना आने पाए, बर्तन मे 1/4 पानी लीजिये उसमे कोई स्टील का स्टैंड रखे /नहीं है तो कुछ छोटी लकडियाँ फसा ले ताकि नीचे पानी हो और ऊपर आप अपने रोल रख सको रोल रखने के बाद ढकन लगा दो। आप इटली बनाने वाली प्रक्रिया इसे समझ सकते हैं।
अब कम से कम ३० मिनट पकाने के बाद इन्हें गोल गोल काट दीजिये, इसके बाद अब एक लोहे कि कढ़ाई मे तड़के के लिए सरसों का तेल लेकर जख्या का छोंक लगाएं, कटे हुए पत्युड को इसमें टॉस करें मतलब कि थोडा करारा करें, इन्हें डीप फ्राई ना करें, अब आपके पत्यूड़ खाने के लिए तैयार हैं। ये आपने बनाएं हैं लेकिन आपको इन्हें खाते समय अपनी मां के हाथ वाला टेस्ट जरूर याद जा जायेगी, अगर आपको हमारी यह रेसपी पसंद आई हो तो कृपया इसे शेयर करें।
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