प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेद्र मोदी जी पहली बार केदारनाथ यात्रा पर आ रहे हैं इस लिहाज़ से उनकी यात्रा बहुत ही विशेष मानी जा रही है कि मोदी जी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे जून 2013 में आपदा से प्रभावित हुए केदारनाथ को गोद लेकर संवारने की इच्छा भी जाहिर की थी लेकिन राजनीतिक कारणों से उनका वह प्रयास सफल नहीं हो पाया था यहाँ तक की उनके द्वारा भेजी गयी हेल्कोप्टर सेवा को भी तत्कालीन सरकार ने वापिस भेज दिया है राहत सामग्री में गुजरात से कई ट्रक उत्तराखंड भेजे गए थे जिस से काफी मदद मिली थी
प्रधानमंत्री का केदारनाथ से नाता-
भगवान आशुतोष के 12 ज्योर्तिलिंगों में ग्यारहवें केदारनाथ धाम के प्रति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पहले से ही लगाव रहा है। गुजरात के मुख्यमंत्री बनने से पहले 80 के दशक में आपातकाल के दौरान मोदी ने डेढ़ माह तक मध्य हिमालय के इस उच्च क्षेत्र में रहकर साधना की थी। केदारनाथ मंदिर से ढाई किमी पहले मंदाकिनी नदी के किनारे गरुड़चट्टी में एक गुफा में रहकर उन्होंने एकाग्रता व आत्मविश्वास के लिए साधना की थी। इस दौरान वे रोजाना मंदिर में जाकर पूजा-अर्चना किया करते थे।
वापिस लोटकर उन्होंने समाज सेवा का अपना धर्म चुना और तब से कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा आज वे दुनिया के सबसे प्रसिद्द नेता हैं इस सदी में उनसे ऊपर कोई भी नहीं है जानकारों का मानना है की अगले 10 यदि नरेन्द्र मोदी भारत के प्रधानमंत्री रहे तो भारत की तस्वीर ही बदल जायेगा फिलहाल तो वो 3 मई को केदारनाथ धाम की यात्रा पर आ रहे हैं उम्मीद है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केदारनाथ और क्षेत्र को नई सौगात दे सकते हैं। इससे पूर्व पूर्व 1980 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और उसके बाद 1989 में विश्वनाथ प्रताप सिंह केदार यात्रा पर आए थे उसके बाद कोई भी प्रधानमंत्री यहाँ की यात्रा पर नहीं आये जबकि मनमोहन सिंह जी 10 साल देश के प्रधानमंत्री रहे थे. ')}