चमोली जिले के वाण गांव स्थित सुप्रसिद्ध लाटू देवता मंदिर उत्तराखंड और देश के रहस्यमयी मन्दिरों में एक है। साथ ही इस मंदिर की अनोखी मान्यता इसे सबसे अलग और विशेष बनाती हैं। लाटू देवता हिमालय की आराध्य मां नंदा के धर्मभाई माने जाते हैं। वाण गांव स्थित लाटू देवता के मंदिर के कपाट साल भर में मात्र एक दिन के लिए खोले जाते हैं।
वैशाख माह की पूर्णिमा को जब कपाट खुलते हैं तो पुजारी आंख-मुंह पर पट्टी बांधकर पूजा अर्चना करते हैं। इस दिन श्रद्धालु दर्शन करने को तो आते हैं किन्तु भगवान के दर्शन नहीं होते, दूर से ही दर्शन कर भक्त मनोकामना मांगते हैं। इस मंदिर में पुजारी के अलावा किसी अन्य महिला और पुरुष को प्रवेश करने की इजाजत नहीं है। मान्यता है कि इस मंदिर में नागराज अपनी अद्भुत मणि के साथ रहते हैं।
इस मणि की रौशनी इतनी तेज है कि इसे देखना आम लोगों के वश की बात नहीं है। पुजारी भी नागराज के महान रूप को देखकर डर न जाएं इसलिए वे अपने आंख पर पट्टी बांधते हैं। वांण गांव 12 साल बाद होने वाली उत्तराखंड की सबसे लंबी पैदल यात्रा श्रीनंदा देवी की राज जात यात्रा का बारहवां पड़ाव है। इस दिन यहां एक विशाल मेला लगता है। मंदिर के अंदर देवता किस रूप में विराजमान हैं, यह आज भी रहस्य बना हुआ है। इसलिए इस मंदिर को रहस्यमयी मंदिरों की श्रेणी में रखा जाता है।