श्री महंत इंदरेश अस्पताल में पिछली 6 जुलाई को स्वाइन फ्लू के मरीज का मामला सामने आया है। सोमवार को श्री महंत इंदरेश अस्पताल में पत्रकार वार्ता का आयोजन किया गया जिसमे अपर चिकित्सा अधीक्षक डॉ. वीके बिहारी ने कहा कि बीती 6 जुलाई को दून में एक व्यक्ति को स्वाइन फ्लू होने की पुष्टि हुई है। ऐसे में अस्पताल में एक वार्ड के 12 बेड स्वाइन के मरीजों के लिए आरक्षित कर दिए गये हैं। जिससे आपात स्थिति से किसी को समस्या का सामना ना करना पड़े।
डॉक्टर्स ने बताया की स्वाइन फ्लू 30 डिग्री से कम तापमान पर फैलता है अमूमन यह बिमारी अगस्त सितेम्बर में दिखाई पड़ती है लेकिन इस साल यह अप्रेल से जुलाई के महीने में ही दस्तक दे चुकी है। लेकिन डॉक्टर्स का ये भी कहना है कि इस सेम्पल की जांच दिल्ली स्थित नेशनल सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल करती है और जब तक वहां से स्वाइन फ्लू की पुष्टि नहीं होती तब तक इन्हें संदिग्ध बीमारी की श्रेणी में रखा जाता है। लेकिन फिर भी हमें लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए।
स्वाइन फ्लू के 2 और मामले इससे पहले भी सामने आ चुके हैं यह बिमारी बहुत खतरनाक होती है यह एक वायरस है जो बहुत तेजी से फैलता है। इंफ्लूएंजा-ए वायरस एक प्रकार का एच1एन1 से स्वेन फ्लू उत्त्पन्न होता है किसी के खासने और छींकने पर यह वायरस दुसरे व्यक्ति तक पहुंचता है। इसका वायरस आदमी के किसी ठोस सतह पर 24 घंटे तक जिन्दा रह सकता है इसलिए साफ़ साफाई बहुत जादा जरूरी हो जाती है।
क्या हैं इसके लक्षण-
शर्दी लगना, सुखी खांसी होना, जुखाम, आँखों से पानी आना, थकावट महसूस होना, सिरदर्द और सांस फूलना, आजकल के मौसम में कोई भी बुखार हो तुरंत ही अच्छे डॉक्टर्स से संपर्क जरूर करें।
क्या हैं सावधानियां-
- इस बिमारी से बचने के लिए सफाई का विशेष ख्याल रखें।
- खांसी और छींक आते वक्त टीशू का स्तेमाल करें और उसे फेंक दें ।
- स्वाइन के मरीज के संपर्क में आने से बचें ।
- बाहर से आने पर या खाना खाने से पहले साबुन से हाथ धो लें ।
- यदि कोई स्वाइन फ्लू का मरीज ही तो वो मास्क पहने और घर से बाहर न जायें।
- यदि आप स्वाइन फ्लू ग्रस्त इलाके से गुजरें तो मास्क पहन कर जाएँ।
- जिन लोगों को सांस लेने में किसी तरह की परेसानी है और उसे बुखार भी है तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।
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