अल्मोड़ा जिले के भैंसियाछाना ब्लॉक के गांव बमन तिलाड़ी की एक घटना एक युवती को जीवन भर याद रहेगी। इसके साथ ही ये कहावत भी फिर सही साबित हो गयी कि माँ आखिर माँ होती है। अपने बच्चों के लिए माँ अपनी जान पर भी खेल देती है। खबर के मुताबित बमन तिलाड़ी गाँव में रहने वाले उमेश चन्द्र भट्ट की 17 वर्षीय बेटी नमिता भट्ट गुरूवार साम को अपनी माँ के साथ जंगल में घास काटने गयी हुई थी। घास काटते समय तेंदुए ने नमिता पर हमला कर दिया। तेंदुए द्वारा किये गए हमले को देखकर उसके नजदीक ही घास काट रही उनकी माता के होश पख्ता हो गए।
नमिता की माँ ने हिम्मत दिखाते हुए तेंदुए पर दंराती से एक के बाद एक कई प्रहार कर दिए खुद के ऊपर इस तरह के हमले को देखकर तेंदुआ गबरा गया और युवती को वहीँ छोड़कर भाग गया।
तेंदुए द्वारा किये गए हमले में युवती बुरी तरह घायल हो गयी गाँव वालों को उसके बाद मदद के लिए बुलाया गया। जिसके बाद ग्रामीणों ने नमिता को अल्मोड़ा के बेस अस्पताल में भर्ती कर दिया। जहां उसका उपचार किया जा रहा है। फिलहाल उसकी स्थिति खातरे से बाहर है।
माता जी के दिखाए गए साहस की बदोलत बेटी जिन्दा है। बाघ द्वारा इस तरह के हमले से डरने के बजाय महिला ने हिम्मत दिखाई तो लोगों ने महिला की जमकर तारीफ की।
वहीं दूसरी और श्रीनगर में तहसील देवप्रयाग के अंतर्गत हिंसरियाखाल पट्टी के बुड़कोट गांव में जंगली सूअर ने एक वृद्ध पर हमला बोल दिया। बुड़कोट निवासी नैन सिंह पंवार (76 वर्ष) घर के समीप खेतों में काम कर रहे थे। इसी दौरान जंगली सूअर ने उन पर हमला बोल दिया।
सूअर ने उनकी पसली तोड़ दी। सूअर ने दांतों से कमर को छेदते हुए आंते बाहर निकाल दी। ग्रामीणों ने वृद्ध को अस्पताल में भर्ती कराया जहां वृद्ध को मृत घोषित कर दिया घटना के बाद क्षेत्र में दहशत का माहोल बना हुआ है लोगों ने जंगली जानवरों के बढ़ते हमलों से शासन को शिकायत की ')}