उत्तरकाशी के मोरी ब्लाक के एक गांव में जबरदस्त भूस्खलन से स्थानीय लोगों को बहुत नुक्सान हुआ है। सूचना है कि चरवाहे सिरगा से पूर्ति के लिए अपनी भेड़ बकरी और गाय ले जा रहे थे रास्ते में सुबह करीब नो बजे मुसौटी टोक पर अचानक भूस्खलन हो गया। भारी भूस्खलन होने से मूर्ति सिंह, कृपाल सिंह, केदार सिंह, राय सिंह, विरेंद्र सिंह व सुरतनू लाल की भेड़ बकरियां मलबे में दब गई। भूस्खलन में सरदार सिंह की 2 जर्सी गाय भी दब गई। गनीमत रही कि भूस्खलन की चपेट में कोई ग्रामीण नहीं आया।
राहत एवं बचाव टीम यहां देर शाम तक पहुंच पाई। उत्तरकाशी के जिलाधिकारी डॉ. आशीष श्रीवास्तव ने एसडीआरएफ के साथ ही प्रशासन की टीम को मौके के लिए रवाना किया था लेकिन यहाँ लम्बे पैदल मार्ग की वजह से परेसानी उठानी पड़ी। जिलाधिकारी ने बताया कि घटना स्थल मोरी ब्लाक का सिरगा गांव है। यह गांव जिला मुख्यालय से 203 किलोमीटर दूर है और सड़क से गांव तक पहुंचने के लिए 13 किलोमीटर पैदल नापना पड़ता है।
उन्होंने बताया कि शनिवार सुबह की है, किसी ने फोन कर जिला मुख्यालय को इस बारे में सूचना दी। इलाके में मोबाइल नेटवर्क न होने के कारण सूचनाएं मिलने में दिक्कत आ रही है। डीएम के अनुसार फिलहाल नुकसान के बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता, राजस्व टीम के लौटने पर ही सही स्थिति का पता चलेगा। हालांकि कुछ प्रतक्ष्य दर्शियों का मानना है कि 150 से अधिक भेड़ बकरियां मरी हैं।
फिलहाल राहत और बचाव का कार्य अभी जारी है कितने मवेशी की संख्या इसमें है वो बचाव कार्य पूरा होने के बाद ही पता चल सकेगा। काफी दिनों के बाद मौसम का काफी सुधार है। लेकिन भूस्खलन होने की सम्भावना से इनकार नहीं किया जा सकता पहाड़ों पर बारिश के बाद भी भूस्खलन होनी की सम्भावनाये बनी रहती हैं। रविवार को तडके देहरादून में भी जमाझाम बारिश हुई। ')}