रविवार को उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में लगभग 20 घरों को टोंस नदी बाढ़ में बहा ले गई, पूरे प्रदेश में 10 लोगों की मौत हो गई जबकि कम से कम 18 लोग लापता हैं। टोंस नदी पिछले कुछ दिनों में भारी वर्षा के बाद उत्तरकाशी में खतरे के स्तर से ऊपर बह रही है।
उत्तरकाशी के आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल ने 7 शव मिलने और 15 लोगों के लापता होने की पुष्टि की। समाचार एजेंसी एएनआई ने बताया कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने उत्तरकाशी के जिलाधिकारी और आपदा प्रबंधन सचिव को बचाव और निकासी अभियान चलाने और प्रभावित लोगों को राहत सामग्री प्रदान करने का निर्देश दिया है। देहरादून के त्यूणी बाजार में सौ से ज्यादा दुकानों को खाली करा दिया गया है। प्रभावित इलाकों में संचार नेटवर्क ध्वस्त हो रखा है।
देहरादून के मालदेवता इलाके में पिकनिक मनाने गया परिवार के सात सदस्य वाहन समेत नदी में बह गए। इनमें से छह को एसडीआरएफ ने बचा लिया, जबकि एक महिला की मौत हो गई। रामनगर से गैरसैंण जा रही एक यात्री बस बरसाती नाले में बह गई, उसमें 30 लोग सवार थे, ग्रामीणों की मदद से सवारियों को रेस्क्यू किया गया, एक महिला को युवकों ने नदी के तेज बहाव से बमुश्किल बचाया, जबकि चालक का अभी तक कुछ पता नहीं चला है।
टिहरी में चारा लेने गई महिला पर पेड़ गिर गया, उसकी मौके पर मौत हो गई, राज्य सरकार ने बचाव कार्यों के लिए भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP), राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (SDRF) की टीमों को भेजा है। हालांकि, लगातार बारिश ने परिवहन को गंभीर रूप से अपंग बना दिया है, जिससे मौके पर पहुंचना मुश्किल हो गया है।
कई जिलों के अधिकारियों ने सोमवार को स्कूलों को बंद रखने का आदेश दिया है। मौसम विभाग ने अगले तीन दिनों में उत्तरकाशी में चमोली, पिथौरागढ़, देहरादून, पौड़ी और नैनीताल जिलों के साथ व्यापक वर्षा की भविष्यवाणी की है।
2013 में आई विनाशकारी बाढ़ से उत्तराखंड तबाह हो गया था, जिसमें हजारों लोग मारे गए थे और व्यापक क्षति हुई थी। उस वक्त मौतों की आधिकारिक संख्या लगभग 900 थी, 5,700 से अधिक लोग लापता घोषित किए गए थे, यह पहाड़ों में सबसे घातक प्रलय था, उत्तरकाशी में रविवार को कुछ उसी तरह का प्रलय देखने को मिला, जल प्रलय से मकाने हिलने लगी, लोगों ने जंगलों की और भागकर किसी तरह अपनी जान बचाई ।
')}