उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में उपरी क्षेत्र में बर्फ़बारी शुरू हो चुकी है। लगातार 3 दिन से हो रही बारिश से अचानक मौसम शर्दी जैसा हो गया। लोग जो अब तक एक चादर के सहारे सोते थे रजाई कंबल ढूँढ रहे हैं। इस वर्ष 31 अगस्त की रात्रि और एक सितंबर की सुबह पिथौरागढ़ जिले में पंचाचूली, राजरंभा, नंदाकोट, नंदाघूंघट सहित सभी ऊंची चोटियों पर हिमपात हुआ। मौसम की पहली वर्फबारी से कुल मिलकर ठंडक का अहसास होने लगा है। इसके अलावा आपको बता दें कि अत्यधिक बारिश की वजह से कई जगह से भूस्खलन की खबरें आ रही हैं। यमनोत्री और बदरीनाथ मार्ग पूरी तरह बाधित हो गया है यहां करीब 1000 से जादा यात्री रास्तों में फंसे हैं।
इसके अलावा रूडकी में बाढ़ की चेतावनी जारी कर दी गयी हैं यहाँ गंगा और सोलानी नदी उफान पर जिससे आस पास के 24 गाँव के लिए खतरा पैदा हो गया है निचले इलाकों में जलभराव होने के कारण किसानों को मवेशी के लिए चारा संकट पैदा हो गया है।
देहरादून में भी 2 दिन से हो रही लगातार बारिश अभी भी जारी है। सड़कों पर जल भराव देहरादून के लिए सबसे बड़ी मुस्किल पैदा करता है मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे बारिश का अलर्ट जारी किया था। आज भी पुरे उत्तराखंड में औसत बारिश होगी पहाड़ों पर भूस्खलन की समस्या बनी रहेगी।
आपको बता दें गुरूवार को टिहरी, धनोल्टी के जौनपुर विकास खण्ड के भटोली ग्राम सभा के काण्डी खाल मे बरसात के चलते देर रात को गावं की एक गौशाला में मलबा आने के कारण गौशाला में बंधी 32 बकरीयां मलबे मे दब कर मर गई जिसमे उनका चारा और अनाज भी सामिल था पीड़ितों ने प्रशासन से उचित मुवावजे की मांग की है। ')}