सियासी समर में उनकी सक्रियता इसे साबित भी कर रही है। सुबह गढ़वाल, दोपहर हरिद्वार और शाम को कुमाऊं। पिछले काफी समय से रावत की दिनचर्या कुछ इसी रफ्तार से चल रही है। वह ज्यादा से ज्यादा विधानसभा क्षेत्रों में मतदाताओं के बीच पहुंच बढ़ाने की कोशिशों में जुटे हैं।
हरीश रावत जी दिन भर मे इतने वादे कर देते हैं कि शाम तक भागी भागी मे याद भी न रहते हो यहां तक हरीश रावत अपने नाम को आगे लाने के प्रयास मे कभी कभी प्राट्री का नाम लेना भी भूल जाते हैं खैर छोडिये राजनीति मै कुछ भी संभव हो सकता है;
इस स्थिति में उन्हें भाजपा को सिर्फ मोदी का ही सहारा है। भाजपाई भी इसे स्वीकार कर रहे हैं। उनका कहना है कि लगभग हर विधानसभा क्षेत्र से मोदी की सभा की मांग आ रही है। हर प्रत्याशी चाहता है कि मोदी उनके क्षेत्र में सभा करें। इसके लिए वे पूरा जोर लगा रहे हैं।
सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड में अधिकतम तीन जनसभाओं के लिए स्वीकृति दी हैं। लेकिन बहुत अधिक जोर पड़ा तो चार सभाएं भी मोदी कर सकते हैं। लेकिन इसके लिए पार्टी को टाइम मैनेजमेंट करना पड़ेगा। मोदी की संभावित सभाएं ऊधर्मंसहनगर, हरिद्वार और अल्मोड़ा में होंगी। श्रीनगर या गौचर में से किसी एक स्थान पर भी जनसभा होने की उम्मीद की जा रही है। हालांकि भाजपा ने चुनावी जनसभा के लिए अपने 40 स्टार प्रचारकों की सूची जारी की है। विधानसभा क्षेत्रों से मोदी के अलावा राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, केंद्रीय गृह मंत्री राजनार्थ सिंह, वित्त मंत्री अरुण जेटली, नितिन गडकरी,जेपी नड्डा, रविशंकर प्रसाद, स्मृति ईरानी, वीर्के ंसह, मनोज तिवारी, हेमा मालिनी की डिमांड प्रमुख रूप से आ रही है। ')}