अल्मोड़ा: ताकुला के चुराड़ी गांव में एक महिला ने अपने मासूम बेटे और बेटी को जहर पिलाने के बाद खुद भी जान दे दी। हालांकि समय से पिता के पहुंच जाने पर बेटी को अस्पताल पुहंचा लिया गया और उसकी जान बच गई।
बेटी का बेस अस्पताल में इलाज चल रहा है। पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद मां और बेटे के शव परिजनों को सौंप दिए। प्रथम दृष्टया मामला गृह क्लेश का बताया जा रहा है। चुराड़ी निवासी चंदन सिंह की पत्नी गंगा देवी अपने बेटे और बेटी के साथ गांव में रहती थी। जबकि चंदन सिंह लखनऊ में प्राइवेट जॉब करता है।
गुरुवार रात वह लखनऊ से अल्मोड़ा पहुंचा। लेकिन उसके घर पहुंचने से पहले ही गुरुवार रात करीब 9.30 बजे उसकी पत्नी गंगा देवी (45) ने बेटे अजय बिष्ट (14) और बेटी आशा बिष्ट उर्फ रेशमा (17) को जहर देकर खुद भी गटक लिया। जिसमें मां-बेटे की मौके पर ही मौत हो गई। ग्रामीणों ने ताकुला पीएचसी से फॉर्मासिस्ट को बुलाया। करीब 11 बजे फॉर्मासिस्ट अंकित जोशी ने आशा को उल्टियां कराईं।
घर में सामान छोड़ने के बाद भी घटना से बेखबर रहा चंदन-
ताकुला चौकी प्रभारी गोविंद सिंह मेहता ने बताया कि चंदन सिंह जब अल्मोड़ा से गांव पहुंचा तो उसके काफी फोन करने के बाद भी घर में किसी ने कॉल रिसीव नहीं की। उसके पास कई बैग, तेल का कनस्तर समेत काफी सामान था। जिस कारण वह पहली बार में कुछ सामान घर के बाहर पहुंचाकर दोबारा सामान लेने गया। दूसरी बार सामान लेकर घर पहुंच कर उसने दरवाजा खोला। अंदर पत्नी तथा बेटा घुटने के बल रस्सी में लटके थे। जबकि बेटी बदहवास हाल में पड़ी थी।
बेटी के फेल होने पर परिवार वालों का धमकाने का आरोप-
घटना के बाद ग्रामीणों की ओर से मामले में कई कयास लगाए जा रहे हैं। गंगा की बेटी आशा बिष्ट 10वीं तथा बेटा अजय 8वीं में पढ़ रहे थे। आशा इस बार हाईस्कूल की परीक्षा में फेल हो गई थी। ग्रामीणों का कहना है कि गुरुवार को घर आने से पहले चंदन ने अपनी पत्नी तथा बेटी को डराया व धमकाया था।
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