पंच केदार के दो धाम भगवान मध्यमहेश्वर और भगवान रुद्रनाथ मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए हैं। बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं कपाट खुलने के पहले दिन भगवान के दर्शन किए। भगवान मध्यमहेश्वर की चलविग्रह उत्सव डोली ऊखीमठ से 16 मई को धाम के लिए रवाना हो गई थी। वहीं गोपेश्वर से भगवान रुद्रनाथ की डोली धाम के लिए चली थी। मध्यमहेश्वर धाम में परम्परानुसार पुजारी, आचार्यगण, हकहकूकधारियों, स्थानीय लोगों और कर्मचारियों की मौजूदगी में सुबह 11 बजे कर्क लग्न में भगवान मध्यमहेश्वर धाम के कपाट खोले गए।
उधर, भगवान शिव की तपो भूमि रुद्रनाथ धाम के कपाट वेद मंत्रोंच्चार के साथ गुरूवार को ब्रह्म मुहुर्त में प्रात: 4. 35 बजे श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए हैं। मंदिर के कपाट खोलने की प्रक्रिया पुजारी पंडित जनार्दन प्रसाद भट्ट ने परम्परा और मान्यताओं के अनुसार पूरी की। 12350 फिट की हिमालयी ऊंचाई पर स्थित रुद्रनाथ मंदिर पंच केदार में से एक है। यह धाम चतुर्थ केदार के नाम से विख्यात है। गुरुवार को गुफा में ध्यानस्थ भगवान के जब कपाट खुले तो सैकड़ों भक्तों ने हर हर महादेव, जय बाबा रुद्रनाथ के जयकारे लगाए। हिमालयी क्षेत्र शिव के जय घोष से गूंज उठा। ')}