ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ब्रिसबेन में खेले गए चौथे और आखिरी टेस्ट मैच के पांचवे दिन अपनी दूसरी पारी में एक रन लेते ही ऋषभ पंत टेस्ट क्रिकेट में सबसे तेज 1000 रन पूरे किये। ऐसा करने वाले वे पहले भारतीय विकेट कीपर बने। वहीं, आखिरी गेंद को चौके के लिए भेजकर ऋषभ पंत ऑस्ट्रेलिया के लिए वो विलेन बन गए जिसे ऑस्ट्रेलिया चाह कर भी कभी भूल नहीं पायेगा।
ऋषभ ही वो भारतीय थे जो ऑस्ट्रेलिया के विकेटकीपर द्वारा भारतीय बल्लेबाजों को उकसाने के जवाब में ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाजों को भी उसी तर्ज पर उकसाते दिखाई दिए। फिर बल्ले से अच्छा जवाब दिया, ऋषभ पंत इस मैच से पहले चोटिल थे फिर भी शानदार 89 रनों की पारी खेली और ऑस्ट्रेलिया के 32 साल के अपराजित शो का अंत कर दिया।
भारत ने तीन विकेट से टेस्ट जीतने के साथ श्रृंखला 2-1 से जीत ली। इस ऐतिहासिक जीत का श्रेय ऋषभ पंत को इसलिए दिया जा रहा है क्योंकि चार विकेट गिरने के बाद कोई भी इस मैच को जीतने की उम्मीद नहीं कर पा रहा था, एक बार तो हालात ये थे कि इस मैच को बचाने की जिम्मेदारी भी ऋषभ के कंधो पर थी, सिर्फ मैच बचाते तो लोग उन्हें इस तरह हीरो नहीं मानते। न भारत मैच जीत पाता और न ही सीरीज पर कब्जा हो पाता।
मैच खत्म होने के बाद ऋषभ पंत ने कहा है कि यह उनके ‘जीवन का सबसे बड़ा पल है। मैं इस बात से खुश हूं कि सपोर्ट स्टाफ और मेरी टीम के सभी साथियों ने तब मेरा साथ दिया जब मैं खेल नहीं रहा था। यह सपने जैसी सीरीज रही है। उन्होंने कहा, “टीम प्रबंधन ने हमेशा मेरा साथ दिया और हमेशा कहा कि आप मैच विजेता खिलाड़ी हो और आपको टीम के लिए मैच जीतने हैं। मैं हर दिन सोचता रहता था कि मुझे भारत के लिए मैच जीतने हैं और यह मैंने आज किया।
ऋषभ पंत की पारी देखने के लिए आप नीचे दिए गए ट्वीट पर जाकर दिए गए लिंक पर जाएं-
Here are the highlights from a remarkable innings #AUSvIND https://t.co/C9woukKq4r
— cricket.com.au (@cricketcomau) January 19, 2021