आईएएस अफसर स्वाति एस भदौरिया को अपनी सादगी और प्रतिभा की वजह से उम्दा प्रशासनिक अधिकारी के तौर पर जाना जाता है। स्वाति के पति नितिन भदौरिया भी आईएएस अधिकारी हैं। साल 2018 में दोनों एक साथ ही दो जिलों के जिलाधिकारी बने थे, स्वाति भदौरिया चमोली जिले की जिलाधिकारी बनाई गईं, जबकि नितिन भदौरिया ने अल्मोड़ा के जिला मजिस्ट्रेट का पदभार ग्रहण किया।
काम को लेकर दोनों हमेशा एक-दूसरे के साथ खड़े नजर आए, 2021 में एक बार फरवरी माह में नितिन भदौरिया का तबादला भी हो गया था लेकिन आईएएस भदौरिया ने डीएम अल्मोड़ा का चार्ज नहीं छोड़ा। आखिर 31 जुलाई को दोनों का एक साथ तबादला हो गया, वर्तमान में स्वाति भदौरिया अपर सचिव नागरिक उड्डयन, प्रबंध निदेशक जीएमवीएन, मुख्य कार्याधिकारी उकाडा तथा महानिदेशक संस्कृति की जिम्मेदारी, साथ ही नितिन भदौरिया को अपर सचिव पेयजल एवं मिशन निदेशक, जल जीवन मिशन ग्रामीण की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
ये है दोनों IAS अधिकारियों की दिलचस्प कहानी –
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर की रहने वाली स्वाति श्रीवास्तव का परिवार शिक्षा से जुड़ा रहा है। उनकी स्कूली शिक्षा गोरखपुर के लिटिल फ्लॉवर स्कूल से हुई। इसके बाद उन्होंने लखनऊ के आईईटी से इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशंस इंजीनियरिंग में बीटेक (ऑनर्स) किया। वहां से निकलने के बाद उनका चयन भारतीय रिजर्व बैंक के लिये हो गया, जहां उन्होंने छह महीने काम भी किया। 2012 में आईएएस में चुने जाने के बाद स्वाति श्रीवास्तव को छतीसगढ़ कैडर मिला। वहां सब-डिवीजन मजिस्ट्रेट, डोंगरगांव और सरायपाली में रही। बता दें कि पहले प्रयास में वह एक नंबर से यूपीएससी परीक्षा पास करने में चूक गईं। लेकिन 2012 की परीक्षा में उन्होंने ऑल इंडिया में 74वीं रैंक हासिल कीं थी।
स्वाति की शादी 2011 बैच के आईएएस अधिकारी उत्तराखंड में पोस्टेड नितिन भदौरिया से हुई। दिलचस्प बात यह है कि अलग-अलग कास्ट से होने के बावजूद ये एक अरेंज्ड मैरिज रहा क्योंकि रिश्ते से पहले दोनों एक दूसरे से मिले तक नहीं थे। विवाह के बाद स्वाति 2015 में उत्तराखंड कैडर में चली गयीं, जहाँ उप-मंडल मजिस्ट्रेट, मसूरी और देहरादून के रूप में उनका बेहद सफल कार्यकाल रहा।
साल 2016 में जब नितिन भदौरिया को पिथौरागढ़ के डीएम पद का चार्ज मिला, तब उन्होंने पत्नी के लिए इसे छोड़ दिया और फिर उन्हें सीडीओ पद पर तैनात किया गया। नितिन भदौरिया का कहना था कि उस समय उनकी पत्नी प्रेग्नेंट थीं और और वह ऐसे समय में नहीं चाहते थे कि पत्नी के साथ ना रहें। इसलिए उन्होंने डीएम का चार्ज नहीं लिया।
इसके बाद साल 2018 में किस्मत पलटी और दोनों को एक साथ डीएम पद का चार्ज मिला। स्वाति भदौरियाचमोली जिले की जिलाधिकारी बनाई गईं, जबकि नितिन भदौरिया अल्मोड़ा के जिला मजिस्ट्रेट का पदभार ग्रहण किया। काम को लेकर दोनों हमेशा एक-दूसरे के साथ खड़े नजर आए।
इस दौरान स्वाति भदौरिया और नितिन भदौरिया ने उदाहरण पेश किया और उन्होंने प्राइवेट स्कूल की जगह अपने बेटे का दाखिला आंगनबाड़ी में कराया, बेटे को दाखिला दिलाने के लिए स्वाति भदौरिया खुद आंगनबाड़ी केंद्र पहुंचीं थीं।
स्वाति भदौरिया ने उत्तराखंड सरकार के अधिकारी के तौर पर वे सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्यमों के विभागों में अतिरिक्त सचिव के साथ एडिशनल सीईओ, उत्तराखंड खादी और ग्रामोद्योग बोर्ड के पदों पर काम किया और अपनी उत्कृष्ट कार्यशैली से एक अलग पहचान बनायी। स्वाति हरिद्वार में मुख्य विकास अधिकारी के पद पर भी रही। हाल ही में चमोली डीएम के पद से रहकर काफी लोकप्रिय रही। उनके द्वारा किये उत्कृष्ट कार्यों की देशभर में चर्चा होती है।
बता दें कि उनके पति नितिन सिंह भदौरिया उत्तराखण्ड कैडर के आईएएस हैं और उनका बैच 2011 है। अल्मोड़ा के डीएम से पहले वे अपर सचिव भ्रष्टाचार उन्मूलन और जनसेवा, निदेशक एनआरएचएम उत्तराखण्ड हेल्थ सिस्टम परियोजना, संयुक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी, मुख्य नगर अधिकारी नगर निगम हरिद्वार और उपाध्यक्ष हरिद्वार विकास प्राधिकरण के अहम पदों पर कार्य कर चुके हैं।