दुनिया में अब तक 250 से जादा बच्चो की जान ले चुका ब्लू व्हेल गेम देहरादून पंहुच चूका है। देहरादून के एक स्कूल में प्रिंसिपल द्वारा कक्षा पांच के बच्च को आत्महत्या करने से बचाया गया। बताया जा रहा कि प्रिंसिपल छात्र के अलग ही व्यवहार को नोटिस कर रहे थे इसके बाद पता चला कि किशोर कुछ दिन ब्लू व्हेल गेम खेल रहा था इस से अलग अलग टास्क दिए जाते थे अंत में आत्म हत्या करने को कहा जाता है।
आप भी सावधान हो जाईये क्योंकि ये गेम आम गेम नहीं है ये गेम जान लेने वाला गेम है। अब हम आपको इस गेम के बारे में सबसे पहले बता देते हैं कि ये केसे जानलेवा है?
ब्लू व्हेल चैलेंज गैम, एक इंटरनेट गेम है। जिसमें डेयर की एक चेन होती है। जिन्हें पूरा करने के लिए खिलाड़ियों को 50 दिन का वक्त दिया जाता है। मोबाइल फ़ोन और लैपटॉप के जरिए खेले जाने वाले इस खेल में 50 दिन अलग-अलग टास्क मिलते हैं।
रोज टास्क पूरा होने के बाद अपने हाथ पर निशान बनाना पड़ता है जो 50 दिन में पूरा होकर व्हेल का आकार बन जाता है. और टास्क पूरा करने वाले को खुदकुशी करनी पड़ती है बच्चे इस गेम को हर दिन गहराई से लेना शुरू कर लेता है। जिसकी अंतिम चुनौती में खिलाड़ी को आत्महत्या करने को बोला जाता है। ऐसा ना करने पर धमकी दी जाती है और परिवार को ख़त्म करने की बात भी कही जाती है।
रूस में हुई है इस खूनी खेल की शुरुआत-
खूनी ब्लू व्हेल खेल की शुरुआत रूस से हुई है थी इस खेल से जुडे एक व्यक्ति बुदेइकिन को गिरफ्तार कर लिया गया है। उसे कई बच्चों को आत्महत्या के लिए उकसाने का दोषी माना गया है। भारत में लगातार इस गेम को बन करने की मांग चल रही है केरल में करीब 2000 बच्चे इस गेम की चपेट में हैं। और भारत में कई बच्चे अपनी जान दे चुके हैं जबकि पुरे विश्व में अब तक ‘इस गेम से 250 से जादा बच्चे आत्म हत्या कर चुके हैं।
यह भी पढ़ें-उत्तराखंड के इन नन्हें बच्चों ने देश और दुनिया को पढ़ाया पर्यावरण सरक्षण का अनोखा पाठ ')}