अंकिता भंडारी का अंतिम संस्कार रविवार आइटीआइ घाट पर भारी पुलिस सुरक्षा के बीच हुआ। बेहद गमगीन माहौल में अंकिता के बड़े भाई अजय ने बहन की चिता को मुखाग्नि दी। इससे पहले श्रीनगर मेडिकल कालेज की मोर्चरी से भारी विरोध के बीच अंकिता के शव को एंबुलेंस से आइटीआइ घाट ले जाने के दौरान आंदोलनकारियों के साथ हुई पुलिस की धक्की मुक्की भी हुई। इस मौके पर बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी सहित अन्य लोग मौजूद रहे।
जाम के दौरान लोग हत्यारों को फांसी देने व उत्तराखंड सरकार मुर्दाबाद के नारे लगाते रहे। मौके पर एसडीएम श्रीनगर अजयवीर सिंह, एएसपी शेखर सुयाल व डीएम डा.विजयकुमार जोगदंडे ने बारी-बारी से लोगों को समझाने का प्रयास किया। लेकिन लोग अपनी मांग पर अड़े रहे। बाद में परिवारजनों के अनुरोध पर लोग अंतिम संस्कार के लिए राजी हुए।
अंकिता के हत्यारों को कड़ी सजा देने की मांग कर रहे थे साथ ही सरकार पर सबूत मिटाये जाने का आरोप लगाकर नारेबाजी कर रहे थे इस पर एएसपी पौड़ी शेखर सुयाल ने बताया कि पुलिस टीम पहले ही रिसॉर्ट को खंगालकर पूरे कमरों की वीडियोग्राफी कर चुकी है। ऐसे में बुलडोजर चलने या आग लगने से केस पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
उन्होंने बताया कि घटना चीला नहर पर घटी है और आरोपियों की निशानदेही पर बॉडी रिकवर की गई है। फोन काल्स और चैट की डिटेल से भी इलेक्ट्रानिक्स साक्ष्य पुलिस के पास है। जिससे आरोपियों को सजा मिल जायेगी। मामले की जांच एसआईटी से भी कराई जा रही है। चीला चौकी प्रभारी श्रद्धानंद सेमवाल को विवेचना अधिकारी बनाया गया है। वरिष्ठ अधिवक्ता सुभाष भट्ट का कहना है कि यदि आरोपी के निशानदेही पर बॉडी मिलती है तो यह अपने आप में बड़ा सबूत है। यदि बॉडी नहीं मिलती को केस कमजोर हो सकता था लेकिन इस मामले में कड़ी से कड़ी कार्यवाही की जाएगी।