लगता है उत्तरप्रदेश में अफ्राधियों की शामत आन पड़ी है एक-एक कर मुठभेड़ में अपराधियों का सफाया करने में यूपी पुलिस जुटी है। बताया जाता है कि गाजियाबाद के उद्यमी अनिल अरोड़ा के अपहरणकांड को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, डीजीपी ओपी सिंह ने भी गंभीरता से लिया हुआ था। ऊपर से साफ आदेश था कि, हर हाल में उद्यमी जिंदा चाहिए। चाहे अपहरणकर्ता क्यों न मारे जाएं। यही वजह थी कि यूपी पुलिस ने दूसरे शहर में भी मुठभेड़ को अंजाम दे डाला। योगी की यूपी पुलिस को पिछले 48 घंटे तक नौसीखिए अपहरणकर्ता छका रहे थे।
वे बार बार अपनी लोकेशन भले ही बदल रहे थे, लेकिन ये नहीं जानते समझते थे यूपी पुलिस उनके पीछे पीछे ही है। हर छह घंटे के अंतराल में फिरौती की डिमांड कर अपनी मौजूदगी का अहसास करा रहे थे। इलेक्ट्रानिक्स सर्विलांस की बदौलत ही गाजियाबाद क्राइम ब्रांच इनके गिरेबान तक पहुंच पाई।
इसके बाद हरिद्वार तहसील के पास अचानक फायरिंग शुरू हो गयी जिसके बाद लोग इधर उधर भागने लगे, पहले तो हर कोई यह देख सन्न रह गया वही रामनगर में युवाओं ने घर में घुसे बदमाश मोहसीन को बुरी तरह से पीटा। यूपी पुलिस के इस तरह की फायरिंग में कोई आमजन को गोली लग जाती तो मसला बिगड़ सकता था।
लेकिन पुलिस ने बड़ी चतुराई से इन बदमासों को दबोच लिया, जिसके बाद पुलिस को वहां खड़े लोगों को काफी सफाई देनी पड़ी। इस बात से पता चलता है कि योगी राज में गुंडाराज समाप्ति की कगार पर है। ')}