भारतीय सैन्य अकादमी देहरादून से शनिवार को 377 कैडेट पास आउट होंगे जिसमें अफगानिस्तान के 43 कैडेट्स का अंतिम बैच भी शामिल है। भारतीय सेना को 288 युवा अफसर मिलेंगे इसके अलावा 8 मित्र देशों की सेना को भी 89 सैन्य अधिकारी मिलेंगे। अब तक आईएमए के नाम देश-विदेश की सेना को 63 हजार 768 युवा सैन्य अफसर देने का गौरव जुड़ा है। इनमें 34 मित्र देशों को मिले 2,724 सैन्य अधिकारी भी शामिल हैं।
एक अक्तूबर 1932 में स्थापित भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) का 90 वर्ष का गौरवशाली इतिहास है। अकादमी 40 कैडेट्स के साथ शुरू हुई थी। अब तक अकादमी देश-विदेश की सेनाओं को 63 हजार 768 युवा अफसर दे चुकी है1932 में ब्रिगेडियर एलपी कोलिंस प्रथम कमांडेंट बने थे। इसी में फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ और म्यांमार के सेनाध्यक्ष रहे स्मिथ डन के साथ पाकिस्तान के सेनाध्यक्ष मोहम्मद मूसा भी पास आउट हुए थे. आईएमए ने ही पाकिस्तान को उनका पहला आर्मी चीफ भी दिया है। 1960 में संस्थान को भारतीय सैन्य अकादमी का नाम दिया गया। 10 दिसंबर 1962 को तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ एस राधाकृष्णन ने स्वतंत्रता के बाद पहली बार अकादमी को ध्वज प्रदान किया। साल में दो बार (जून और दिसंबर माह के दूसरे शनिवार को) आईएमए में पासिंग आउट परेड का आयोजन किया जाता है।